भारत को मिल सकता है S-400 का नया बैच, अपग्रेडेड वर्जन S-500 पर भी निगाहें

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यात्रा के दौरान रूस से अतिरिक्त S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने पर विचार कर रहा है. ऑपरेशन सिंदूर में इस हथियार की सफलता के बाद इसकी मांग बढ़ी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक़, भारत अपग्रेडेड वर्ज़न S-500 पर भी नज़र रखे हुए है.

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यात्रा के दौरान रूस से अतिरिक्त S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने पर विचार कर रहा है. ऑपरेशन सिंदूर में इस हथियार की सफलता के बाद इसकी मांग बढ़ी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक़, भारत अपग्रेडेड वर्ज़न S-500 पर भी नज़र रखे हुए है.

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Ravi Prashant
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s 400 missile

एस-400 डील Photograph: (ANI)

भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करने वाली एक बड़ी खबर सामने आई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिसंबर में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की नई दिल्ली यात्रा के दौरान भारत अतिरिक्त S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने पर विचार कर सकता है.

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ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ी मांग

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय वायुसेना को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान S-400 प्रणाली बेहद प्रभावी लगी. इसी कारण अब अतिरिक्त बैच खरीदने की संभावना बढ़ गई है. बताया जा रहा है कि यह मुद्दा पुतिन की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों की बातचीत का अहम हिस्सा हो सकता है.

S-500 पर भी चर्चा संभव

रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि भारत केवल S-400 तक सीमित नहीं रहना चाहता, बल्कि इसका अगला और अपग्रेडेड वर्जन यानी S-500 मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी खरीदने पर विचार कर रहा है. यह सिस्टम दुनिया की सबसे एडवांस एयर डिफेंस तकनीकों में गिना जाता है.

2018 की ऐतिहासिक डील

भारत और रूस के बीच S-400 को लेकर पहली बड़ी डील साल 2018 में हुई थी. उस समय 5 यूनिट खरीदने के लिए 5 अरब डॉलर की डील साइन हुई थी. इनमें से तीन स्क्वाड्रन भारत को पहले ही मिल चुके हैं. हालांकि उस समय डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने चेतावनी दी थी कि इस डील पर अमेरिका के CAATSA कानून के तहत भारत पर प्रतिबंध भी लगाए जा सकते हैं. इसके बावजूद यह समझौता जारी रहा.

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वायुसेना प्रमुख का बयान

भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह से जब इस विषय पर पूछा गया तो उन्होंने सीधा जवाब देने से परहेज़ किया. उन्होंने कहा, “यह प्रणाली काफी कारगर साबित हुई है और ज़ाहिर है कि इसकी ज़रूरत और भी हो सकती है. लेकिन कितनी खरीदनी है या आगे की योजना क्या है, इस पर अभी कुछ कहना जल्दबाज़ी होगी.” सिंह ने यह भी जोड़ा कि भारत खुद का एयर डिफेंस सिस्टम भी विकसित कर रहा है, और भविष्य का फैसला इसी आधार पर किया जाएगा.

भारत के लिए S-400 और S-500 जैसे उन्नत रक्षा सिस्टम न केवल सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि अमेरिका और रूस के बीच कूटनीतिक संतुलन बनाए रखने के लिहाज़ से भी अहम माने जा रहे हैं. दिसंबर की मुलाक़ात से यह स्पष्ट हो जाएगा कि भारत किस दिशा में कदम बढ़ाता है.

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