विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने तुर्किए को कड़े लहजे में चेतावनी दी है कि वह पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर समर्थन देना बंद करे. उन्होंने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि तुर्किए पाकिस्तान का सीमा पार आतंकवाद पर साथ नहीं देगा. दशकों से उसकी ओर से पोषित आतंकी तंत्र के खिलाफ विश्वसनीय और सही कार्रवाई करने का पुरजोर आग्रह करेगा." नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो की ओर से तुर्किए द्वारा स्थापित सेलेबी एविएशन प्राइवेट लिमिटेड, जो 9 हवाई अड्डों पर ग्राउंड-बेस्ड सेवाओं को संभालती है की सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के बारे में पूछे गए सवाल पर जायसवाल ने कहा कि इस मुद्दे पर भारत में तुर्किए दूतावास के साथ चर्चा की गई है.
तुर्किए के ड्रोन का इस्तेमाल किया था
उन्होंने कहा, "सेलेबी मामले पर यहां तुर्किए दूतावास के साथ चर्चा की गई है. लेकिन मैं समझता हूं कि यह विशेष निर्णय नागरिक उड्डयन सुरक्षा की ओर से लिया गया था..." यह टिप्पणी भारत और तुर्किए के बीच तनावपूर्ण रिश्तों के बीच आई है. इसकी शुरुआत तुर्किए की ओर से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी शिविरों पर भारत के हमलों की निंदा करने वाली टिप्पणी से हुई है. पाकिस्तान ने भारत के साथ सैन्य संघर्ष के दौरान भी बड़े पैमाने पर तुर्किए के ड्रोन का इस्तेमाल किया था. गुरुवार को प्रेस ब्रीफिंग के वक्त जायसवाल ने 10 मई को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई बातचीत के बारे में बात की.
युद्ध भारत की पसंद नहीं है: डोभाल
जायसवाल ने कहा, "हमारे एनएसए और चीनी विदेश मंत्री तथा सीमा मामले पर खास प्रतिनिधि वांग यी ने 10 मई 2025 को एक-दूसरे से बात की थी. वहीं एनएसए ने पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के सख्त रुख से अवगत कराया था." उन्होंने कहा,"चीनी पक्ष अच्छी तरह से जानता है कि आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता भारत-चीन संबंधों का आधार बने हुए हैं." मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बातचीत के दौरान डोभाल ने वांग से कहा था कि युद्ध भारत की पसंद नहीं है, लेकिन पहलगाम हमले के बाद नई दिल्ली को आतंकवाद विरोधी कार्रवाई करने की जरूरत है.