India Economic Growth: भारत ने एक बार फिर दुनिया को अपनी आर्थिक मजबूती का एहसास कराया है. लगातार चौथे साल भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है. इस उपलब्धि पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संतोष जताते हुए कहा कि भारत ने अपने विकास की रफ्तार को बरकरार रखा है.
इसलिए बढ़ी देश की जीडीपी
लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जनवरी से मार्च तिमाही के दौरान भारत की विनिर्माण गतिविधियों में मजबूती देखने को मिली. इसी का नतीजा रहा कि इस तिमाही में देश की जीडीपी वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रही. पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अनुमानित जीडीपी वृद्धि 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
किसानों से लेकर उद्योगों तक, सबका योगदान
सीतारमण ने कहा कि भारत की आर्थिक सफलता में छोटे, मध्यम और बड़े उद्योगों के साथ-साथ कृषि क्षेत्र का भी अहम योगदान है. उन्होंने कहा, "कोविड काल के दौरान भी कृषि क्षेत्र ने हमें स्थिर रखा. आज भी देश के विभिन्न उद्योग हमारी विनिर्माण और सेवा क्षमताओं को मजबूत बनाए हुए हैं.'
मजबूत मैक्रोइकॉनॉमिक स्थिति
भारत की मौजूदा आर्थिक स्थिति संतोषजनक है. देश का मैक्रोइकॉनॉमिक ढांचा मजबूत है, जिसमें मुद्रास्फीति, आर्थिक विकास, आय और बेरोजगारी के आंकड़े संतुलन में हैं. बीते कुछ वर्षों में भारत की औसत वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 7 प्रतिशत से ऊपर रही है.
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि भारत का लक्ष्य अब 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था से बढ़कर 10 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचना है. यह रास्ता आसान नहीं होगा. इसके लिए बुनियादी ढांचे, रणनीति और प्रशासन में बड़े बदलाव जरूरी होंगे.
आम आदमी को कैसे मिलेगा फायदा?
1. रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने से विनिर्माण, सेवा और तकनीकी क्षेत्रों में निवेश बढ़ेगा. इससे युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे और 'मेक इन इंडिया' जैसी योजनाएं और मजबूत होंगी.
2. इंफ्रास्ट्रक्चर होगा मजबूत
सरकार द्वारा सड़कों, मेट्रो, हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर किया जा रहा निवेश अब और तेज़ी से बढ़ सकता है. इससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी.
3. महंगाई पर काबू की उम्मीद
मजबूत अर्थव्यवस्था से देश का निर्यात बढ़ेगा और आयात पर निर्भरता घटेगी, जिससे महंगाई पर नियंत्रण पाया जा सकता है.
4. शिक्षा और कौशल विकास को मिलेगा बढ़ावा
सरकार युवाओं के कौशल और तकनीकी शिक्षा पर अधिक खर्च कर सकती है, जिससे उन्हें बेहतर नौकरियों के अवसर मिलेंगे.
5. स्वास्थ्य और तकनीक में सुधार
सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ सकती हैं और तकनीकी क्षेत्र में भी नए अवसर पैदा होंगे, जिससे आम जनता को सस्ते और बेहतर तकनीकी उत्पाद मिल सकेंगे.
भारत की यह आर्थिक सफलता न सिर्फ आंकड़ों में बल्कि आम नागरिकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
यह भी पढ़ें: भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर, आगे बढ़ने के लिए आंध्र प्रदेश भी तैयार : चंद्रबाबू नायडू