भारत ने बांग्लादेश में हिंदू पुजारी की गिरफ्तारी पर जताई कड़ी आपत्ति, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग

चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को शांतिपूर्ण तरीके से अल्पसंख्यकों के अधिकारों की मांग उठाने के लिए एक सभा का नेतृत्व करने पर गिरफ्तार किया गया .

Madhurendra Kumar & Mohit Sharma
New Update
Hindu priest in Bangladesh

भारत ने बांग्लादेश में हिंदू पुजारी की गिरफ्तारी पर जताई कड़ी आपत्ति, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग

बांग्लादेश में इस्कॉन के हिंदू पुजारी और सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय ने इस घटना को "गंभीर चिंता का विषय" बताते हुए बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है.

Advertisment

घटना की पृष्ठभूमि

चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को शांतिपूर्ण तरीके से अल्पसंख्यकों के अधिकारों की मांग उठाने के लिए एक सभा का नेतृत्व करने पर गिरफ्तार किया गया . उन्हें अदालत से जमानत भी नहीं दी गई है. यह घटना ऐसे समय में हुई है जब बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों पर चरमपंथी तत्वों द्वारा हमले, आगजनी, लूटपाट और मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. चिन्मय कृष दास लगातार हिन्दू अल्पसंख्यकों पर हो रहे आरोप के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहे हैं.

भारत की कड़ी प्रतिक्रिया

विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बांग्लादेश में जहां अल्पसंख्यकों पर हमले करने वाले अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं, वहीं एक धार्मिक नेता, जो शांतिपूर्ण तरीके से अपने समुदाय के अधिकारों की बात कर रहे थे, उन पर कार्रवाई की जा रही है."भारत ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों को भी चिंता का विषय बताया. मंत्रालय ने बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण सभा के अधिकार की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की.

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति

 बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्ता पलट के बाद से हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के मामलों में बेइंतहा बढ़ोतरी हुई  हैं.  मंदिरों और मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने से लेकर व्यापारिक प्रतिष्ठानों और घरों में आगजनी जैसी घटनाएं आम हो गई हैं. मानवाधिकार संगठनों के अनुसार, प्रशासनिक कार्रवाई में अक्सर पक्षपात और लापरवाही देखी गई है.

कूटनीतिक दबाव बढ़ायेगा भारत

भारत के इस बयान से साफ है की यह मामला और तूल पकड़ेगा . दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को ध्यान में रखते हुए, भारत ने बांग्लादेश सरकार से आग्रह किया है कि वह इस घटना की निष्पक्ष जांच करे और दोषियों को सजा दिलाए. भारत ने इस घटना को भारत-बांग्लादेश के द्विपक्षीय संबंधों के लिए चिंताजनक बताते हुए मामले के त्वरित समाधान की उम्मीद जताई है.

india bangaladesh relation India Bangladesh cooperation
      
Advertisment