पहलगाम के आतंकी के बाद से भारत लगातार पाकिस्तान को लेकर सख्त कदम उठा रहा है. मोदी सरकार पाकिस्तान को हर मोर्चे पर झटका देने की तैयारी कर रही है. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान पर युद्ध का संकट भी गहरा रहा है. पाकिस्तान को इस बात का डर है कही पीओके उसके हाथ न निकल जाए. पाकिस्तान से पीओके को छीनने में भारत को किन मुश्किलों का सामना कर सकता है. पीओके हालात क्या हैं. आइए जानने की कोशिश करते हैं.
पीओके काफी दुर्गम क्षेत्रों में गिना जाता है. यहां पर ऊंचे पहाड़, ग्लेशियर, गहरी घाटियां, संकरे पैसेज मौजूद हैं. पीओके में चीन ने बंकरों का निर्माण किया. पीओके चीन के लिए काफी मायने रखता है. सीपीईसी प्रोजेक्ट का बड़ा हिस्सा इसी जगह से निकलता है. भारत पीओके की लड़ाई में कूदता है तो भारत को बड़ी रणनीतिक काम करना होगा. यहां पर कई इलाके काफी दुर्गम हैं. ये हैं नीलम वैली, लीपा वैली और झेलम कॉरिडोर. ऊंचे पहाड़ों की लड़ाई लड़ना काफी कठिन होगा.
पीओके की लड़ाई काफी कठिन
पीओके को लेकर पाकिस्तानी सेना हमेशा से खौफ में रही है. उसे डर है कि भारत उसे अपने कब्जे में न ले ले. पाकिस्तानी सेना ने LoC के करीब कई बंकर, तोपखाना पोजिशन, सुरंगे, मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर को तैनात किया है. पीओके की लड़ाई लड़ना पाकिस्तानी सेना के लिए घरेलू मैदान पर लड़ाई लड़ना है. उनके पास सप्लाई, गाइडेंस और बैकअप मौजूद है. वहीं भारत के लिए यह इलाका पूरी तरह से नया है. उसे इस क्षेत्र की अधिक जानकारी नहीं होगी. पीओके में चीन का दखल भी है. यहां पर चीन के कई निर्माण हैं. इस कारण चीन और पाकिस्तान दोनों के लिए यह क्षेत्र काफी अहम है.
CPEC (चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) का बड़ा भाग गिलगित-बाल्टिस्तान से निकलता है. भारत की कार्रवाई से चीन इसे अपने ऊपर खतरा मान लेगा. ऐसे में चीन, भारत को रोकने का प्रयास कर सकता है. चीन युद्ध के हालात में पाकिस्तान को आर्टिलरी इंटेलिजेंस, ड्रोन और सैटेलाइट डेटा दे सकता है. इससे चीन, पाकिस्तान के साथ मिलकर पूरी दुनिया में दुष्प्रचार कर सकता है.
इस तरह से PoK की लड़ाई संभव
पीओके की जंग को जीतने के लिए भारत को कई चरणों में लड़ाई छेड़नी होगी. इसके लिए सेनाओं को बड़ा ऑपरेशन चलाना होगा. इसके लिए थोड़े-थोड़े क्षेत्र पर फोकस करना होगा. भारत को एलओसी पर अन्य मोर्चों को खोलना होगा. पीओके में मजबूत खुफिया सहयोग को तेज करना होगा.