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बांग्लादेश उच्चायोग Photograph: (ANI)
भारत और बांग्लादेश के बीच कूटनीतिक संबंधों में तनाव मंगलवार को और बढ़ गया जब विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त एम रियाज हामिदुल्लाह को एक सप्ताह में दूसरी बार तलब किया. हामिदुल्लाह निर्धारित समय के तुरंत बाद साउथ ब्लॉक स्थित मंत्रालय पहुंचे.
यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया जब कुछ ही घंटे पहले ढाका में बांग्लादेश सरकार ने प्रणय वर्मा, भारतीय उच्चायुक्त को तलब कर भारत में बांग्लादेशी राजनयिक मिशनों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई थी. बांग्लादेश के विदेश सचिव असद आलम सियाम ने भारतीय दूत को विदेश कार्यालय बुलाया.
बांग्लादेश की क्या हैं आपत्तियां?
ढाका की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि भारतीय उच्चायुक्त को 20 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग और उच्चायुक्त के आवास के बाहर हुई घटनाओं तथा 22 दिसंबर को सिलीगुड़ी स्थित वीजा सेंटर में हुई तोड़फोड़ को लेकर अवगत कराया गया. बयान में कहा गया कि ये घटनाएं विभिन्न चरमपंथी तत्वों द्वारा की गईं.
बांग्लादेश ने भारत में स्थित अपने विभिन्न राजनयिक मिशनों के बाहर हिंसक विरोध प्रदर्शनों पर भी गहरी चिंता जताई. बयान में कहा गया कि ऐसे कृत्य न केवल राजनयिक कर्मियों की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं बल्कि आपसी सम्मान, शांति और सहिष्णुता के मूल्यों को भी कमजोर करते हैं.
भारत ने क्या दी प्रतिक्रिया?
इससे पहले 17 दिसंबर को भारत ने बांग्लादेशी उच्चायुक्त हामिदुल्लाह को ढाका में भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर तलब किया था. यह कार्रवाई उन घोषणाओं के बाद हुई थी जिनमें कुछ चरमपंथी समूहों ने भारतीय उच्चायोग के आसपास प्रदर्शन करने की बात कही थी.
विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत बांग्लादेश में हाल की घटनाओं को लेकर चरमपंथी तत्वों द्वारा गढ़े जा रहे “झूठे नैरेटिव” को पूरी तरह खारिज करता है. मंत्रालय ने यह भी कहा कि अंतरिम सरकार ने न तो पूरी जांच की है और न ही भारत के साथ ठोस सबूत साझा किए हैं.
बांग्लादेश में बढ़ता असंतोष
बांग्लादेश में छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद हाल के दिनों में व्यापक विरोध प्रदर्शन देखे गए हैं. हादी उन आंदोलनों का प्रमुख चेहरा थे जिनके चलते पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार गिर गई थी. इन प्रदर्शनों के दौरान कुछ समूहों ने भारत के खिलाफ भी नाराजगी जाहिर की. इसी बीच मयमनसिंह में हिंदू नागरिक दीपु चंद्र दास की हत्या ने स्थिति को और संवेदनशील बना दिया.
19 दिसंबर को कथित रूप से ईशनिंदा के आरोप में दास की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई और बाद में शव को जला दिया गया. वह मयमनसिंह शहर में एक फैक्ट्री में काम करता था. इस मामले में अब तक कम से कम 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इन घटनाओं के बीच दोनों देशों के बीच राजनयिक स्तर पर संवाद जारी है, लेकिन बढ़ते तनाव ने क्षेत्रीय स्थिरता को लेकर नई चिंताएं खड़ी कर दी हैं.
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