भारत ने बुधवार को पाकिस्तान की हिरासत से मुछआरों की जल्द रिहाई की अपील की है. इसके साथ नौकाओं समेत नागरिक कैदियों और लापता भारतीय रक्षा कर्मियों को भी रिहाई की अपील की है. सभी को जल्द वतन वापसी की इजाजत देने को कहा गया है. दोनों देशों की ओर से नई दिल्ली और इस्लामाबाद में एक साथ राजनयिक माध्यमों से एक दूसरे की हिरासत में बंद नागरिक कैदियों और मछुआरों की सूची का आदान प्रदान किया गया. इसके बाद विदेश मंत्रालय का कहना है कि पाकिस्तान से उन 183 भारतीय मछुआरों और नागरिक कैदियों की रिहाई की जाए. उनकी स्वदेश वापसी में तेज प्रक्रिया की जाए.
मछुआरों को तुरंत राजनयिक पहुंच दें
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वह उसकी हिरासत में मौजूद 18 नागरिक कैदियों और मछुआरों को तुरंत राजनयिक पहुंच दें. इसके बारे में माना जाता है कि वे भारतीय हैं. उन्हें अब तक राजनयिक पहुंच प्रदान नहीं की गई है. पाकिस्तान से अपील की गई है कि वह सभी भारतीय और भारतीय माने जाने वाले नागरिक कैदियों और मछुआरों की सुरक्षा तय करे,जब तक उनकी वतन वापसी न हो सके.
द्विपक्षीय कॉन्सुलर एक्सेस समझौता 2008 के प्रावधानों के तहत ऐसी सूचियों का अदान-प्रदान हर वर्ष एक जनवरी और एक जुलाई को होता है. भारत ने अपनी हिरासत में 381 नागरिक कैदियों और 81 मछुआरों के नामों को शेयर किया है. इसी तरह से पाकिस्तान ने अपनी हिरासत में 49 नागरिक कैदियों और 217 मछुआरों के नामों को शेयर किया. इस सूची में अधिकतर भारतीय हैं.