IMD Cyclone Warning: आंध्र प्रदेश, तेलंगाना समेत दक्षिण भारत के कई राज्यों में भारी बारिश से हाहाकार मचा हुआ है. इस बीच मौसम विभाग ने बंगाल की खाड़ी से एक और चक्रवात के उठने की चेतावनी जारी की है. भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, आने वाले 12 घंटों में एक कम दबाव के क्षेत्र की वजह से देश के कई हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है. मौसम विभाग की मानें तो इस चक्रवात के केंद्र में दक्षिण-पूर्व विदर्भ, तेलंगाना और महाराष्ट्र का चंद्रपुर इलाका रहेगा.
IMD ने जारी किया एक सप्ताह के मौसम का हाल
इसी के साथ मौसम विभाग ने एक सप्ताह के मौसम के बारे में जानकारी दी है. जिसमें आज यानी 2 सितंबर को विदर्भ में अत्यधिक बारी बारिश की आशंका जताई गई है. जबकि पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के अलावा तेलंगाना, पश्चिमी मध्य प्रदेश, गुजरात क्षेत्र, तेलंगाना और मराठवाड़ा के कुछ जलग्रहण क्षेत्रों और आसपास के इलाकों में हल्की से मध्यम बाढ़ का खतरा पैदा होने का अनुमान जताया है. मौसम विभाग की मानें तो मराठवाड़ा, असम और मेघालय में सोमवार और मंगलवार को भारी बारिश होगी, जबकि गुजरात में बुधवार को, साथ ही सौराष्ट्र और कच्छ में बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताया है.
ये भी पढ़ें: Weather Update: 20 राज्यों में आज भारी बारिश का अलर्ट, तेलंगाना-आंध्र में मचा हाहाकार, कई ट्रेनें रद्द
क्या होगा चक्रवात का प्रभाव
मौसम विभाग के मुताबिक, चक्रवात और भारी बारिश के चलते स्थानीय इलाकों में सड़कों पर बाढ़ जैसा मंजर दिखाई देगा. जबकि निचले इलाके जलमग्न हो जाएंगे. इसके साथ ही भारी बारिश के चलते विजिविलिटी कम हो जाएगी. सड़कों पर पानी आन से प्रमुख शहरों में यातायात बाधित होने की भी आशंका है. इसके साथ ही मौसम विभाग का कहना है कि प्रभावित क्षेत्रों में कमजोर संरचना को नुकसान होने की भी संभावना है.
ये भी पढ़ें: पाकिस्तान की नींद उड़ाने वाली कौन है ये महिला, लाशों का ढेर देखकर....
मौसम विभाग किसानों के लिए बताए उपाय
इसके साथ ही मौसम विभाग ने प्रभावित इलाकों में चक्रवात और भारी बारिश के चलते कुछ जरूरी उपाय बताए हैं. विभाग ने कहा है कि मध्य महाराष्ट्र के विदर्भ, मराठवाड़ा और घाट इलाकों में रहने वाले किसान काले चने और हरे चने की फसल को सुरक्षित स्थानों पर इकट्ठा कर लें. इसके साथ ही आईएमडी ने आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कोंकण एवं गोवा, पश्चिमी मध्य प्रदेश, दक्षिणी गुजरात, केरल और तटीय कर्नाटक के किसानों को जल जमाव की स्थिति से बचने, खड़ी फसलों और फलों के बागों में जमे पानी को निकालने के लिए कोई अतिरिक्त रास्ता निकालने की बात कही है. बता दें कि इन इलाकों में इन दिनों मक्का, मूंगफली, रागी, सब्जियां, नीगर और केला, चावल, गन्ना, लाल चना, कपास, सब्जिया और बागवानी फसल, सोयाबीन, कपास और हल्दी की फसल लगी हुई है. जिसे पानी भरने से नुकसान होने की संभावना है.
ये भी पढ़ें: Kolkata Rape Murder Case: जेल में ऐसी हरकतें कर रहा संजय, CCTV को लेकर कही चौंकाने वाली बात