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File Photo: (AI)
Hyderabad: हैदराबाद से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है. यहां एक सरकारी स्कूल में सातवीं कक्षा के छात्र की पिटाई हो गई. पिटाई भी किसने की, उसी स्कूल के 10वीं के छात्रों ने. 10वीं के छात्रों को ऐसा करने का आदेश उसी सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल ने ही दिया था.
सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल कृष्णा दुंडीगल के प्रभारी मंडल शिक्षा अधिकारी हैं. इनका काम छात्रों के अधिकारों और कल्याण की रक्षा करना है. इतने अहम पद पर होते हुए भी प्रिंसिपल ने 10वीं के छात्रों को सातवीं के विद्यार्थियों को स्टिक मारने का आदेश दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकारी स्कूल में ये हिंसा साइकिल स्टैंड पर हुई. सातवीं क्लास के छात्र पर साइकिल के पुर्जों की चोरी और टायरों की हवा निकालने का झूठा आरोप लगाया गया.
अब जानें क्या है पूरा मामला
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो हैदराबाद के सरकारी स्कूल में 23 दिसंबर को मधु नाम की एक टीचर ने सातवीं क्लास के फनिंदा सूर्या को साइकिलों की जांच करने के लिए साइकिल स्टैंड भेजा था. उस वक्त चैरी नाम की टीचर ने सूर्या को देखा और उन्हें लगा कि वह साइकिल के साथ छेड़छाड़ कर रहा है. टीचर गुस्से में सूर्या को प्रिंसिपल के पास लेकर गईं.
शिक्षा के अधिकार अधिनियम का उल्लंघन
प्रिंसिपल कृष्णा ने बिना पूछताछ के 10वीं के नौ छात्रों को बुलाया और कहा कि सूर्या की पीठ पर लाठी चलाओ. सूर्या के पिता ने मामले में पुलिस से शिकायत की. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि घटना शिक्षा के अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है. छात्रों को शारीरिक दंड देना और छात्रों का मानसिक उत्पीड़न कानून के अनुसार गलत है.
पुलिस ने इन धाराओं में दर्ज किया केस
पेट बशीरबाग के पुलिस निरीक्षक विजया वर्धन ने मामले में कहा कि मामले में किशोर न्याय अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता यानी बीएनएस की धारा के तहत चोट पहुंचाने का केस दर्ज किया गया है.
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