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Green Crackers
Green Crackers: एक दिन बाद दिवाली है. दिवाली पर लोग जमकर पटाखे फोड़ते हैं और दिवाली का जश्न मनाते हैं. लेकिन दिल्ली-एनसीआर में पटाखों को लेकर नए नियम बने हैं. इस बार दिल्ली में पटाखे तो बैन नहीं है लेकिन रेगुलर पटाखें बेच नहीं सकते हैं. दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की बिक्री ही हो सकती है. दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री ने बताया कि 200 से अधिक डीलरों को लाइसेंस जारी किए गए हैं.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, सिर्फ CSIR-NEERI और PESO सर्टिफाइड पटाखे ही बेचे जा सकते हैं. पटाखों में पारंपरिक बारूद की जगह कम प्रदूषण फैलाने वाले केमिकल का इस्तेमाल होते हैं. सरकार ने लोगों से अपील की है कि सिर्फ क्यूआर कोड वाले ग्रीन पटाखे ही खरीदें क्योंकि यही असली वाले ग्रीन पटाखे हैं. ग्रीन पटाखों की मदद से त्योहार का आनंद भी लिया जा सकता है और हवा भी साफ रह सकती है.
बता दें, बाजार में बहुत सारे लोग फर्जी ग्रीन पटाखे बेचते हैं, जिनसे आपको सावधान रहना चाहिए. आखिर आप कैैसे असली और नकली ग्रीन पटाखों की पहचान कर पाएंगे, आइये जानते हैं…
ऐसे पता करें असली और नकली पटाखों की पहचान
ग्रीन पटाखों की बिक्री सिर्फ 18 से 20 नवंबर तक ही होगी. सभी विक्रेताओं पर सख्त निगरानी रखी जाएगी. असली ग्रीन पटाखों में क्यूआर कोड होता है, जिसे स्कैन करके चेक किया जा सकता है कि पटाखा CSIR-NEERI या PESO द्वारा प्रमाणित है या फिर नहीं. पटाखा खरीदते वक्त ब्रांड का नाम, सील पैकिंग और मैन्युफैक्चरिंग एड्रेस जरूर देखें. पटाखे सिर्फ उसी से लें, जो लाइसेंस्ड विक्रेता है.
सरकार ने तैनात की जांच टीमें
दिल्ली के सभी जिलों में सरकार ने विशेष टीमों का गठन किया है. ग्रीन पटाखों की बिक्री पर निगरानी करना इनका काम होगा. हर जिले में लगभग 200 से अधिक विक्रेताओं को लाइसेंस दिया गया है. अन्य आवेदनों की जांच हो रही है. निगरानी टीमें दुकानों का औचक निरीक्षण करेंगी, जिससे नकली और प्रदूषणकारी पटाखें न बेच सकें. सरकार ने सुबह छह से सात और रात में आठ बजे से 10 बजे तक ही पटाखे जलाने की अनुमति दी है. नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.