अहमदाबाद में 12 जून को एयर इंडिया का विमान दुर्घटना का शिकार हो गया. इसकी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट शनिवार को सामने आई है. इसमें AI171 फ्लाइट के अंतिम क्षणों का ब्यौरा दिया गया है. यह फ्लाइट गुजरात के अहमदाबाद से लंदन के गैटविक के लिए उड़ान भरने वाली थी और उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड के अंदर एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से जा टकराई.
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की रिपोर्ट में बताया गया कि 12 जून को अहमदाबाद से उड़ान भरने के तुरंत बाद बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर के दोनों इंजनों ने अपनी क्षमता खो दी थी, इसकी वजह विमान के ईंधन नियंत्रण स्विच को बंद कर दिया गया.
रिपोर्ट में ब्लैक बॉक्स से मिले कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग से मिले पायलटों के बीच बातचीत का विवरण सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उड़ान के शुरुआती कुछ सेकंड, जो अंतिम भी थे. एक पायलट ने दूसरे से पूछा, "तुमने ईंधन क्यों बंद कर दिया?" इसका जवाब मिला, "मैंने ऐसा नहीं किया." यह रिपोर्ट एयर इंडिया बोइंग 787-7 विमान के ब्लैक बॉक्स- संयुक्त कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर से मिले आंकड़ों पर आधारित है.
ब्लैक बॉक्स हो क्या है?
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर- ऐसे उपकरण हैं जो जांचकर्ताओं को विमान दुर्घटना से जुड़ी घटनाओं को दोबारा से समझने में मदद करते हैं. इनका रंग नारंगी होता है ताकि इन्हें मलबे में कभी-कभी गहरे समुद्र में आसानी से ढूंढा जा सके. राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड की वेबसाइट के अनुसार, इन्हें आमतौर पर विमान के पीछे वाले हिस्से में लगाया जाता है. इसे विमान का सबसे अधिक सुरक्षित हिस्सा माना जाता है.
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर क्या करता है?
राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (एनटीएसबी) की वेबसाइट के अनुसार,कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर रेडियो प्रसारण और पायलट की आवाजें और इंजन की आवाजे जैसी ध्वनियां एकत्र करता है. ब्लैक बॉक्स आमतौर पर घातक विमानन दुर्घटनाओं से बच जाते हैं क्योंकि वे कई सुरक्षात्मक परतों से बने होते हैं.