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गृह मंत्री अमित शाह (Social Media)
Amit Shah Chhattisgarh Visit: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 24 अगस्त से नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय दौरे पर जाएंगे. गृह मंत्री शाह का ये दौरा काफी अहम माना जा रहा है. क्योंकि वह यहां नक्सली उग्रवाद से प्रभावित पड़ोसी राज्यों के पुलिस प्रमुखों और मुख्य सचिवों के साथ बैठक करेंगे. इस दौरान वह नक्सल विरोधी अभियानों की समीक्षा करेंगे. इस बैठक का उद्देश्य नक्सली गतिविधियों से संबंधित चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीतियों का मूल्यांकन करना और उन्हें बढ़ाना है.
रायपुर में हो सकती है बैठक
गृह मंत्री की ये बैठक छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हो सकती है. गृह मंत्री अमित शाह नक्सली उग्रवाद के खिलाफ उठाए गए कदमों और वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) से परेशान नौ राज्यों के भीतर लाल गलियारे के रूप में जाने जाने वाले क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की प्रगति का भी आकलन करेंगे. जानकारी के मुताबिक, गृह मंत्री शाह 23 अगस्त की रात रायपुर पहुंचेंगे. उसके बाद 24 अगस्त से वह अगल-अलग अधिकारियों के संग बैठक करेंगे. इन बैठकों में पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ छत्तीसगढ़ के प्रभावित क्षेत्र, अंतरराज्यीय समन्वय कार्यक्रम के साथ-साथ वामपंथी उग्रवाद पर सुरक्षा और विकास बैठक भी शामिल होगी.
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इन राज्यों के पुलिस प्रमुख हो सकते हैं बैठक में शामिल
गृह मंत्री अमित शाह की बैठक में छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, झारखंड, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के पुलिस प्रमुख शामिल हो सकते हैं. या उन राज्यों के पुलिस प्रमुख बैठक में पहुंचेंगे जो राज्य नक्सलवाद की मार झेल रहे हैं. इन बैठकों में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक तपन डेका केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) प्रमुख अनीश दयाल सिंह भी शामिल हो सकते हैं. इसके बाद गृह मंत्री शाह 25 अगस्त की सुबह समीक्षा बैठक के बाद रायपुर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) कार्यालय का उद्घाटन करेंगे.
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कम हुआ वामपंधी उग्रवाद
बता दें कि गृह मंत्री शाह की नक्सल विरोधी बैठक ऐसे समय में महत्वपूर्ण है, जब गृह मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, वामपंथी हिंसा का भौगोलिक प्रसार काफी हद तक कम हुआ है. साथ ही 2013 में 10 राज्यों में वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों की संख्या 126 से घटकर 2024 में केवल 38 रह गई है. इन राज्यों में छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, झारखंड, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल शामिल हैं.
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वहीं सबसे अधिक नक्सल प्रभावित 15 जिले छत्तीसगढ़ में ही हैं. इन जिलों में बीजापुर, बस्तर, दंतेवाड़ा, धमतरी, गरियाबंद, कांकेर, कोंडागांव, महासमुंद, नारायणपुर, राजनांदगांव, मोहल्ला-मानपुर- अंबागढ़ चौकी, खैरगढ़- छुईखदानगंडई, सुकमा, कबीरधाम और मुंगेली शामिल हैं. इसके बाद ओडिशा के सात जिले कालाहांडी, कंधमाल, बोलांगीर, मलकानगिरी, नबरंगपुर, नुआपाड़ा और रायगड़ा अभी भी नक्सल प्रभावित हैं.
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