Holi Kab Hai : 14 या 15 मार्च? होली की तारीख को लेकर कन्फ्यूजन कर लें दूर, जानें सही तारीख

Holi Kab Hai : भारत में होली का त्योहार बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है, लेकिन इस बार होली की असल तारीख को लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है.

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Mohit Sharma
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Holi Kab Hai

Holi Kab Hai Photograph: (Social Media)

Holi Kab Hai : होली कब है 14 या 15 मार्च, जानिए क्या है सही तारीख. होली भारत का एक ऐसा त्यौहार है जो रंगों और खुशियों से भरा होता है. होली को खुशी तो है ही लेकिन इस बार होली की तारीख को लेकर कुछ कंफ्यूजन भी देखा जा रहा है. होली की दो तारीख सामने आ रही है 14 और 15 मार्च. ऐसे में लोगों के मन में एक सवाल है कि होली आखिर किस दिन है. तो चलिए इस कंफ्यूजन को साफ करते हैं और बताते हैं कि होली की सही तारीख क्या है. हर साल होली फागुन माह के पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. पंचांग के अनुसार फागुन पूर्णिमा का आरंभ 13 मार्च को सुबह 10.35 बजे होगा और इसका समापन 14 मार्च को दोपहर 12.35 पर होगा. इसका मतलब यह है कि इस बार होली का पर्व 14 मार्च को मनाया जाएगा.

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होली रंगों और खुशियों का त्योहार

14 मार्च को पूरे देश में रंगों और खुशियों के साथ होली का त्यौहार मनाया जाएगा. होली से एक दिन पहले होली का दहन होती है, जिसे छोटी होली भी कहते हैं. पंचांग को देखते होली का दहन बुधवार को 13 मार्च 2025 को मनाई जानी है. इस दिन के लिए शुभ मुहूर्त रात 11.26 से 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा. इस समय में होली का दहन करना सबसे अच्छा माना जाता है. होली की पूजा का मुख्य उद्देश्य बुराई पर अच्छाई की जीत को मनाना है. यह पर्व होली का दहन और रंगों की होली के रूप में मनाया जाता है. होलिका दहन में लोग होलिका की प्रतिमा का पूजन करते हैं और फिर उसे आग में जलाते हैं. जो बुराई को नष्ट करने का प्रतीक है.

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जीवन में खुशियां और भाईचारे का संदेश

इसके बाद रंगों वाली होली खेली जाती है, जो जीवन में खुशियां और भाईचारे का संदेश देती है. होली के दिन रंग खेलने से पहले लोग भगवान कृष्ण राधा और अन्य देवताओं की पूजा करते हैं. होलिका दहन की पूजा करने से पहले लोग अपने घरों और पूजा स्थानों को साफ करते हैं और दीप मालाएं सजाते हैं. होलिका की एक लकड़ी या मूर्ति बनाई जाती है, जिसे पूजा स्थल पर रखा जाता है. पूजा के दौरान गेहूं, जौ, मूंगफली और तेल जैसी सामग्री का उपयोग किया जाता है. लोग इन सामग्रियों को होलिका की आग में अर्पित करते हैं. पूजा में होली की आरती गाई जाती है और विभिन्न मंत्रों का उच्चारण किया जाता है जिससे घर में समृद्धि और शांति का वास होता है.

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