Advertisment

रोज हजाराें भक्‍त गणपति बप्‍पा को लिखते हैं पत्र

रोज हजाराें भक्‍त गणपति बप्‍पा को लिखते हैं पत्र

author-image
IANS
New Update
hindi-where-writing-letter-to-ganpati-i-a-tradition--20230926133307-20230926135754

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

देश भर में डाक सेवाएं भले ही धीमी गति से चल रही हों, लेकिन लखनऊ के एक गणेश पंडाल में मनौतियों के राजा को हर दिन बोरे भर पत्र मिल रहे हैं।

भक्त हर दिन नौकरी, परीक्षा में अच्छे परिणाम, शादी, विदेश यात्रा सहित कई इच्छाओं को लेकर गणपतिजी को पत्र लिखते हैं।

ऐसा माना जाता है कि यदि कोई भगवान गणेश को पत्र लिखकर उन्हें अर्पित करता है, तो उसकी इच्छा अवश्य पूरी होती है।

युवा सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश्वर शर्मा कहते हैं, “मैं पिछले सात वर्षों से यहां आ रहा हूं और हर साल मेरी इच्छा पूरी होती है। मेरे पिता गंभीर रूप से बीमार थे और मैंने उनके ठीक होने के लिए प्रार्थना की थी और आज, वह स्वस्थ और स्वस्थ हैं, यहां भगवान के आशीर्वाद के कारण मुझे मेरी नौकरी और मेरा जीवन साथी मिल गया। मैं हर साल एक पत्र लिखने के लिए यहां आता हूं, भले ही यह एक धन्यवाद पत्र हो।

झूलेलाल पार्क के मनौतियों के राजा पंडाल में आशीर्वाद और कृपा पाने के लिए भगवान गणेश को पत्र लिखना एक परंपरा बन गई है।

हालांकि, भक्तों को भगवान से प्रार्थना करते हुए देखना एक आम दृश्य है, लेकिन उन्हें पत्र लिखना दुर्लभ है।

माना जाता है कि यह परंपरा गुजरात के ढांक मंदिर से प्रेरित है। पंडाल में भक्तों को एक पेन और एक लेटर पैड दिया जाता है, जहां उन्हें पहले ओम गं गणपतये नमः मंत्र को 108 बार लिखना होता है, और फिर अपनी इच्छाएं या शिकायतें लिखनी होती हैं।

प्रबंध समिति के सदस्य भारत भूषण ने पत्र लिखने की प्रथा के बारे में बताते हुए कहा कि ओम गं गणपतये नमः भगवान गणेश का पसंदीदा मंत्र है।

उन्‍हाेंने कहा, हमें आम तौर पर हर साल भक्तों से लगभग 60,000-65,000 पत्र मिलते हैं। एक बार पूजा समाप्त होने के बाद, हम भू-विसर्जन (मूर्ति को मिट्टी में दफनाना) का आयोजन करते हैं। मूर्ति के साथ सभी पत्रों को भी रख दिया जाता है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment