तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई कोयंबटूर लोकसभा सीट पर इंडिया गठबंधन और अन्नाद्रमुक गठबंधन को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
त्रिकोणीय मुकाबले में अन्नामलाई द्रमुक के गणपति पी. राजकुमार और अन्नाद्रमुक के सिंगाई जी. रामचंद्रन से टकरा रहे हैं।
आईपीएस अधिकारी से राजनेता बने इस युवा ने भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य में एक अच्छी छवि बनाई है। उन्होंने तमिलनाडु में सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ डीएमके फाइल्स नाम से कई कथित भ्रष्टाचार के आरोपों को सार्वजनिक डोमेन में लाकर डीएमके (द्रमुक) पर हमला बोला है।
अन्नामलाई की छह महीने लंबी पदयात्रा, मेरी भूमि, मेरे लोग ने तमिलनाडु में लोगों के बीच एक बड़ा प्रभाव पैदा किया है।
अन्नामलाई ने कल्याणकारी कार्यक्रमों समेत केंद्र सरकार की योजनाओं को जनता के सामने रखा। उन्होंने द्रमुक पर उसके खराब शासन के लिए हमला किया और भाजपा के तत्कालीन सहयोगी अन्नाद्रमुक के खिलाफ भी हमला बोला।
2019 के लोकसभा चुनाव में माकपा नेता पीआर नटराजन ने द्रमुक गठबंधन के हिस्से के रूप में ये सीट जीती थी। उन्होंने भाजपा नेता सीपी राधाकृष्णन को 1,79,143 वोटों के अंतर से हराया था।
ज्ञात हो कि भाजपा 2019 के लोकसभा चुनाव और 2021 के विधानसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन में थी। इस बार पार्टी ने अन्नाद्रमुक से नाता तोड़ लिया है और उसके साथ केवल पीएमके है।
आगामी लोकसभा चुनाव के लिए, द्रमुक ने माकपा से कोयंबटूर सीट ली है और इसे डिंडीगुल निर्वाचन क्षेत्र आवंटित किया है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, यह निर्णय निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ने के लिए था।
राजनीतिक जानकार के. सेंथिलनाथन ने आईएएनएस को बताया, कोयंबटूर सीट द्रमुक के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गई है। पार्टी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि वह इस सीट को बरकरार रखे। यही वजह है कि द्रमुक ने इसे माकपा से ले लिया और उसे डिंडिगुल भेज दिया।
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Source : IANS