तमिलनाडु के जल संसाधन मंत्री एस. दुरईमुरुगन के नेतृत्व में सांसदों का एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल कावेरी मुद्दे पर नई दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात करेगा।
हालांकि बैठक की तारीख अभी तय नहीं हुई है, तमिलनाडु जल कार्य विभाग के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि यह जल्द ही आयोजित की जाएगी।
यह बैठक कर्नाटक सरकार की इस घोषणा के कारण हो रही है कि वह तमिलनाडु को कावेरी का और पानी नहीं छोड़ेगा।
प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय मंत्री को कावेरी जल की आवश्यकता से अवगत कराएगा और उन्हें तमिलनाडु के डेल्टा जिलों में कुरुवई फसलों को बचाने के लिए जारी पानी की जानकारी देगा।
सुप्रीम कोर्ट 21 सितंबर को कावेरी जल पर कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच विवाद पर सुनवाई करेगा।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने एक बयान में कहा है कि कर्नाटक ने बेबुनियाद आरोप लगाया है कि तमिलनाडु की कावेरी जल की अधिक मांग अनुचित है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कर्नाटक ने यह भी आरोप लगाया है कि तमिलनाडु ने अपने अयाकट क्षेत्रों को बढ़ाया है, जो एक निराधार आरोप है।
स्टालिन ने कहा कि कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण के अंतिम फैसले और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, कावेरी बेसिन में तटवर्ती राज्यों को संकट वर्ष में आनुपातिक आधार पर उपलब्ध पानी को साझा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस फैसले के अनुसार, कर्नाटक को 14 सितंबर तक 103.5 टीएमसीएफटी जारी करना चाहिए था, लेकिन राज्य ने केवल 38.4 टीएमसीएफटी जारी किया। इससे 65.1 टीएमसीएफटी की कमी हो गई है।
कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण ने सोमवार, 18 सितंबर को एक बैठक बुलाई है, क्योंकि कर्नाटक ने 13 सितंबर तक 5000 क्यूसेक पानी छोड़ने के कावेरी जल विनियमन समिति (सीडब्ल्यूआरसी) के आदेश की अवहेलना की है।
इस बीच संबंधित घटनाक्रम में पीएमके के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अंबुमणि रामदास ने मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मिलने और कावेरी जल पर दोनों राज्यों के बीच विवाद को सुलझाने के लिए कहा है।
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Source : IANS