आरबीआई ने मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने और साथ ही अर्थव्यवस्था में विकास को गति देने की अपनी नीति के तहत गुरुवार को रेपो दर को लगातार छठी बार 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा।
मौद्रिक नीति समिति के छह में से पांच सदस्यों ने दर निर्णय के पक्ष में मतदान किया।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक बयान में कहा, मौद्रिक नीति सक्रिय रूप से अवस्फीतिकारी बनी रहनी चाहिए।
दास ने कहा कि घरेलू आर्थिक गतिविधि मजबूत बनी हुई है और विकास की गति अगले वित्तीय वर्ष में भी जारी रहने की उम्मीद है। आरबीआई ने 2024-25 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि 7 प्रतिशत आंकी है।
उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले वर्षों में केंद्र और राज्य सरकारों का कर्ज कम होने की उम्मीद है।
साथ ही, आरबीआई गवर्नर ने बढ़ते कर्ज पर चिंता व्यक्त की, इससे कई देशों में गंभीर चिंता पैदा हो रही है, जो वैश्विक वित्तीय प्रणाली को प्रभावित करेगा।
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Source : IANS