पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा शुक्रवार को राज्य के वन मंत्री और पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक की गिरफ्तारी के बाद बड़े पैमाने पर राजनीतिक घमासान छिड़ गया है।
राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व और स्वयं मल्लिक ने इसे भाजपा की साजिश बताया है। वहीं, विपक्षी नेताओं ने दावा किया है कि आने वाले दिनों में ममता बनर्जी की पार्टी के अधिक और बड़े प्रभावशाली व्यक्तित्व केंद्रीय एजेंसियों द्वारा पकड़े जाएंगे।
तृणमूल कांग्रेस के राज्य प्रवक्ता कुणाल घोष के ने आरोप लगाया कि मल्लिक की गिरफ्तारी भाजपा द्वारा रची गई साजिश का नतीजा थी, जिसके मास्टरमाइंड राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) सुवेंदु अधिकारी थे।
घोष ने कहा, जो व्यक्ति सारदा चिट फंड और नारद वीडियो घोटाले में शामिल होने के संबंध में केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में था, वह अब साजिश रच रहा है जिसका नवीनतम शिकार मल्लिक है।
विपक्ष के नेता ने इस दावे का खंडन किया और कटाक्ष करते हुये कहा कि जिस गति से मंत्रियों और सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों को केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जाल में फंसाया जा रहा है, वह समय दूर नहीं है जब राज्य मंत्रिमंडल की बैठकें सुधार गृह में आयोजित करनी पड़ेंगी।
माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य डॉ. सुजन चक्रवर्ती ने दावा किया कि राशन वितरण घोटाला हाल के दिनों में पश्चिम बंगाल में सबसे बड़े घोटालों में से एक है, जहां हर सप्ताह 2.5 करोड़ लोगों का राशन मंत्री और सत्ताधारी दल के नेताओं द्वारा लूटा जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के पांच बार के लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया कि कथित राशन वितरण घोटाला राज्य के स्कूल में भर्ती घोटाले से भी बड़ा लगता है। चौधरी ने कहा, यह मुख्य रूप से कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लॉकडाउन अवधि के दौरान आयोजित संगठित लूट है।
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Source : IANS