केरल के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति मंत्री के. राधाकृष्णन लोकसभा चुनाव जीत गए हैं। इसके चलते मंत्री पद खाली हो गया है। वो चुनाव जीतने वाले एकमात्र वामपंथी उम्मीदवार हैं। ऐसे में विभागों में संभावित फेरबदल के लिए बातचीत शुरू हो गई है।
आने वाले दिनों में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) एक बैठक कर इस पर फैसला लेगी।
सत्तारूढ़ वामपंथ के भीतर भी खलबली मची हुई है, जिसमें सीपीआई का एक वर्ग, जो दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी है, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की कार्यशैली से नाखुश है।
राधाकृष्णन के पद को भरने के साथ, सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सीएम विजयन यह पद किसको देंगे।
अगर सीएम विजयन माकपा के भीतर इस स्थान को भरने का फैसला करते हैं, तो जिन नामों पर चर्चा शुरू हो गई है, उनमें दो बार के माकपा विधायक ओ.आर. केलू और पहली बार विधायक बनीं के. संथाकुमारी के नाम शामिल हैं।
माकपा को परेशान करने के लिए विजयन कैबिनेट में जेडी(एस) के उम्मीदवार की मौजूदगी है। उनका राष्ट्रीय नेतृत्व भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए का सहयोगी है और उनके नेता एच.डी. कुमारस्वामी नरेंद्र मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।
जेडी(एस) की केरल इकाई को किसी अन्य पार्टी में विलय करने का अल्टीमेटम दिया गया है, अगर ऐसा नहीं हुआ तो उनके उम्मीदवार को कैबिनेट से हटा दिया जाएगा।
पार्टी माकपा मंत्रियों के खाते के वित्त विभाग को बदलने पर भी विचार कर रही है, जिसे वर्तमान में पहली बार विधायक बने के.एन. बालगोपाल संभाल रहे हैं।
केरल सरकार में एक और बदलाव हो सकता है। वीना जॉर्ज स्वास्थ्य मंत्रालय संभाल रही हैं, उनकी जगह एक अनुभवी राजनेता को लाने की योजना बनाई जा रही है।
इन दोनों की जगह लेने वाले नामों में राज्य के उद्योग मंत्री पी. राजीव, राज्य सहकारिता मंत्री वी.एन. वासवन, राज्य मत्स्य पालन मंत्री साजी चेरियन और सीएम विजयन के दामाद राज्य पर्यटन मंत्री पी.ए. मोहम्मद रियास शामिल हैं।
माकपा नेतृत्व की बैठक अगले कुछ दिनों में होने वाली है, जिसमें सब साफ हो जाएगा।
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Source : IANS