उत्तर प्रदेश के मेरठ से समाजवादी पार्टी के विधायक रफीक अंसारी को 1995 के एक आपराधिक मामले में गैर-जमानती वारंट का पालन नहीं करने पर लखनऊ में गिरफ्तार कर लिया गया। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
एसएसपी ने विधायक की गिरफ्तारी के लिए क्षेत्राधिकारी (सीओ) सिविल लाइन के नेतृत्व में एक टीम गठित की थी। आईपीसी की धारा 147, 436 और 427 के तहत लंबित आपराधिक मामले में विधायक रफीक अंसारी के खिलाफ जारी वारंट को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, एमपी-एमएलए, मेरठ की अदालत में चुनौती दी गई थी।
मामले में 35 से 40 अज्ञात लोगों के खिलाफ सितंबर 1995 में एफआईआर दर्ज की गई थी और 22 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया गया था।
इसके बाद, याचिकाकर्ता के खिलाफ एक पूरक आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया, जिस पर संबंधित अदालत ने अगस्त 1997 में संज्ञान लिया।
रफीक अंसारी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। उनके खिलाफ 12 दिसंबर 1997 को एक गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था। इसके बाद 101 गैर-जमानती वारंट जारी किए गए।
कुर्की की कार्रवाई के बावजूद रफीक अंसारी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए और वारंट के खिलाफ हाईकोर्ट चले गये।
उनके वकील ने दलील दी कि 15 मई 1997 के फैसले में 22 आरोपियों को बरी कर दिया गया था, ऐसे में विधायक के खिलाफ कार्रवाई रद्द की जानी चाहिए। लेकिन हाईकोर्ट ने इस मामले में डीजीपी को रफीक अंसारी के खिलाफ ट्रायल कोर्ट से जारी गैर जमानती वारंट का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।
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Source : IANS