कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू रबी सीजन के दौरान गेहूं का रकबा पिछले साल के 337.50 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 340 लाख हेक्टेयर को पार कर गया है।
इसी प्रकार श्री अन्न और मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा और रागी का बुआई क्षेत्र पिछले साल के समान सीजन के 50.77 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 53.83 लाख हेक्टेयर हो गया है। इससे पता चलता है कि इन फसलों को बढ़ावा देने की सरकार की नीति रंग लाने लगी है।
तिलहनों का रकबा भी बढ़कर 109.88 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि पिछले साल 108.82 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी। यह अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है क्योंकि खाद्य तेलों को बड़ी मात्रा में आयात करना पड़ता है जिससे मूल्यवान विदेशी मुद्रा बर्बाद हो जाती है।
हालाँकि, दालों का रकबा 162.66 लाख हेक्टेयर से घटकर 155.13 लाख हेक्टेयर रह गया है जो चिंता का कारण है। अर्थव्यवस्था में दालों की बड़ी मांग है क्योंकि यह देश में प्रोटीन का मुख्य स्रोत है। दालों की कीमतें दहाई प्रतिशत में बढ़ रही हैं जिससे खाद्य मुद्रास्फीति की दर बढ़ रही है और घरेलू बजट बढ़ रहा है।
चालू सीजन में धान का रकबा भी घटकर 28.25 लाख हेक्टेयर रह गया है, जबकि पिछले साल इसकी बुआई 29.33 लाख हेक्टेयर थी।
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Source : IANS