टाटा कंज्यूमर ने कहा है कि वह स्नैक निर्माता हल्दीराम पर नियंत्रण पाने के लिए बातचीत नहीं कर रही है। एक स्पष्टीकरण में टाटा कंज्यूमर ने कहा कि वह हल्दीराम के साथ बातचीत नहीं कर रही है, जैसा कि मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है।
टाटा कंज्यूमर ने कहा, हमें ऐसी किसी जानकारी के बारे में पता नहीं है जिसे एक्सचेंजों को घोषित नहीं की गई है, जो सेबी (एलओडीआर) विनियम- 2015 के रेगुलेशन-30 के तहत घोषित करना जरूरी है।
हम यह जोड़ना चाहेंगे कि कंपनी निरंतर व्यवसाय के विकास और विस्तार के लिए विभिन्न रणनीतिक अवसरों का मूल्यांकन करती है। जब भी ऐसी कोई आवश्यकता होगी, कंपनी सेबी (एलओडीआर) विनियम- 2015 के तहत दायित्वों के अनुपालन में उचित घोषणाएं करेगी।
दूसरी तरफ टाटा कंज्यूमर स्टॉक की कीमत बुधवार को बीएसई पर 4 फीसदी बढ़कर 879 रुपये पर पहुंच गई।
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स में जिक्र किया गया था कि टाटा समूह की उपभोक्ता इकाई लोकप्रिय भारतीय स्नैक फूड निर्माता हल्दीराम की कम से कम 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत कर रही है। लेकिन, वह 10 अरब डॉलर के मूल्यांकन को लेकर सहज नहीं है।
रिपोर्ट्स में कहा गया कि हल्दीराम भारत में एक घरेलू नाम है। वह बेन कैपिटल सहित निजी इक्विटी फर्मों के साथ 10 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री के बारे में बात कर रहा है।
रिपोर्ट में जिक्र है कि टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स यूके की चाय कंपनी टेटली का मालिक है और भारत में स्टारबक्स के साथ साझेदारी करता है। वह हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है।
यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल के अनुसार, भारत के 6.2 बिलियन डॉलर के नमकीन स्नैक बाजार में हल्दीराम की लगभग 13 प्रतिशत हिस्सेदारी है। लेज़ चिप्स के लिए मशहूर पेप्सी की हिस्सेदारी भी करीब 13 फीसदी है.
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Source : IANS