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लोकसभा चुनाव

महाराष्ट्र कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष नसीम खान ने विद्रोह की बात से किया इनकार

महाराष्ट्र कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष नसीम खान ने विद्रोह की बात से किया इनकार

Updated on: 27 Apr 2024, 04:05 PM

मुंबई:

कांग्रेस के स्टार प्रचारक और चुनाव प्रचार अभियान समिति से हटने के एक दिन बाद शनिवार को राज्य में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष एम. आरिफ नसीम खान ने कहा कि वह विद्रोही नहीं हैं और हमेशा की तरह पार्टी नेतृत्व का सम्मान करते रहेंगे।

मीडिया से बात करते हुए खान ने कहा कि कांग्रेस-महा विकास अघाड़ी द्वारा लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट न देने से निराश होकर वह चुनाव में अपनी जिम्मेदारियों से हट गए।

उन्होंने कहा,“शहर और राज्य इकाइयों ने लोकसभा सीट के लिए मेरे नाम की सिफारिश की थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस में मुस्लिम समुदाय के नेता के रूप में, मुझसे ऐसे सवाल पूछे जाते हैं, जिनका मेरे पास कोई जवाब नहीं है। इसलिए मैंने लोकसभा चुनाव के लिए अपनी जिम्मेदारियों से इस्तीफा दे दिया।

उन्होंने कहा कि वह पार्टी में बने रहेंगे और अल्पसंख्यकों के हित में जल्द ही कांग्रेस आलाकमान से बात करेंगे। खान ने कहा कि वह राज्य में सभी 48 लोकसभा सीटों पर पार्टी के साथ मजबूती से खड़े हैं।

नाराज खान ने कहा, मैं जहां भी जाता हूं, मुझसे पूछा जाता है कि क्या कांग्रेस केवल मुस्लिम वोट चाहती है, क्या उसे किसी मुस्लिम लोकसभा उम्मीदवार की जरूरत नहीं है।

पार्टी की मुंबई शहर प्रमुख प्रोफेसर वर्षा गायकवाड़ को मुंबई उत्तर मध्य लोकसभा क्षेत्र से पार्टी का उम्मीदवार घोषित करने के एक दिन बाद शुक्रवार देर रात राज्य के कार्यकारी अध्यक्ष के फैसले ने कांग्रेस-एमवीए को स्तब्ध कर दिया।

खान ने कहा,“मुझे गायकवाड़ को टिकट देने पर कोई आपत्ति नहीं है, वह मेरी छोटी बहन की तरह है। उन्होंने कहा, मुझे पार्टी के राज्य और केंद्रीय नेतृत्व से कोई शिकायत नहीं है। भाजपा को सत्ता से बाहर करने के उनके प्रयास को मैं कमजोर नहीं करूंगा।

खान ने कहा कि वह नेहरू-गांधी परिवार के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि वह केवल कांग्रेस पार्टी का समर्थन करने वाले अल्पसंख्यकों के मुद्दों को उठा रहे हैं।

खान ने कहा, “अतीत में, महाराष्ट्र और देश के अन्य राज्यों में कई मुस्लिम उम्मीदवार चुनावी मैदान में होते थेे, लेकिन इस बार एमवीए ने राज्य में एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया, जबकि यहां उनकी आबादी लगभग 12 प्रतिशत है।

2014 और 2019 में, कांग्रेस ने अकोला में एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार हिदायतुल्ला बरकतुल्ला पटेल को टिकट दिया था, हालांकि वे दोनों बार भारतीय जनता पार्टी के संजय एस धोत्रे से हार गए थे।

खान ने दोहराया कि अतीत में उन्होंने हमेशा महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में पार्टी के लिए ईमानदारी से काम किया, लेकिन 2024 में राज्य में किसी भी मुस्लिम को पार्टी का टिकट न देने के विरोध में, उन्होंने कांग्रेस के चुनाव प्रचार अभियान से हटने का फैसला किया।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.