नॉर्वे सरकार ने रूस के समझौते से हटने के जवाब में यूरोप में पारंपरिक सशस्त्र बलों (सीएफई) पर संधि में अपनी भागीदारी को अस्थायी रूप से निलंबित करने का फैसला किया है।
नार्वे ने रूस के फैसले की निंदा की। उसने कहा कि शीत युद्ध के बाद से यूरोप में स्थिरता की आधारशिला रही यूरोपीय सुरक्षा वास्तुकला को कमजोर कर दिया गया है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह अपने सहयोगियों और नॉर्डिक पड़ोसियों के परामर्श से निलंबन की अवधि का लगातार आकलन करेगी।
देश के विदेश मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि रूस मंगलवार रात 12 बजे औपचारिक रूप से सीएफई से हट गया।
मूल रूप से 1990 में तत्कालीन नाटो सदस्यों और तत्कालीन छह वारसॉ संधि राज्यों ने सीएफई पर हस्ताक्षर कर इसकी शुरुआत की थी। यह 1992 में लागू हुआ।
इस समझौते का उद्देश्य सभी पक्षों को हथियारों और सैन्य उपकरणों की मात्रा को इकट्ठा करने की अनुमति देकर दोनों सैन्य गठबंधनों के बीच संतुलन स्थापित करना था।
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Source : IANS