पिछले 10 साल में नवंबर महीने में निफ्टी 5 बार हरे निशान में बंद हुआ

पिछले 10 साल में नवंबर महीने में निफ्टी 5 बार हरे निशान में बंद हुआ

पिछले 10 साल में नवंबर महीने में निफ्टी 5 बार हरे निशान में बंद हुआ

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

जेएम फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा है कि नवंबर महीने के विश्लेषण से पता चलता है कि निफ्टी पिछले 10 वर्षों में 1.2 प्रतिशत के औसत रिटर्न के साथ पांच मौकों पर हरे निशान में बंद हुआ।

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रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी ओर, निफ्टी मिड-कैप इंडेक्स ने अपेक्षाकृत मजबूत रुख दिखाया है, जो 2.1 फीसदी के औसत रिटर्न के साथ आठ मौकों पर हरे निशान में बंद हुआ।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सात मौकों पर 0.9 फीसदी के औसत बेहतर प्रदर्शन के साथ यह निफ्टी से बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब रहा, जबकि सूचकांक सात या अधिक मौकों पर हरे निशान में बंद हुए।

बैंक निफ्टी, मीडिया और रियल एस्टेट सूचकांक क्रमशः 3.6 प्रतिशत, 1 प्रतिशत और 2.3 प्रतिशत के औसत रिटर्न के साथ सात मौकों पर हरे निशान में बंद हुए हैं।

फार्मा इंडेक्स 1.9 फीसदी के औसत नकारात्मक रिटर्न के साथ सात मौकों पर लाल निशान में बंद हुआ है।

सात या अधिक मौकों पर सूचकांकों ने निफ्टी से बेहतर प्रदर्शन किया है। बैंक निफ्टी और रियल एस्टेट सूचकांकों ने आठ मौकों पर 2.4 प्रतिशत और 1.1 प्रतिशत के औसत बेहतर प्रदर्शन के साथ निफ्टी से बेहतर प्रदर्शन किया है।

सूचकांकों ने सात या अधिक मौकों पर निफ्टी से कमजोर प्रदर्शन किया है। ऊर्जा (एनएसईएनआरजी) सूचकांक ने सात मौकों पर निफ्टी से कमजोर प्रदर्शन किया है और औसतन 0.9 फीसदी का खराब प्रदर्शन रहा है।

टाटा कम्युनिकेशंस, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पर्सिस्टेंट सिस्टम्स, बायोकॉन, हैवेल्स इंडिया, टेक महिंद्रा और टोरेंट फार्मास्यूटिकल्स ऐसे स्टॉक हैं जो आठ या अधिक मौकों पर 3 प्रतिशत से अधिक के औसत रिटर्न के साथ हरे निशान में बंद हुए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 3 प्रतिशत से अधिक के औसत नेगेटिव रिटर्न के साथ आठ या अधिक मौकों पर स्टॉक लाल निशान में बंद हुए, इनमें सिप्ला, कोल इंडिया और एनएमडीसी शामिल हैं।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
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