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एनएचआरसी ने संदेशखाली मुद्दे को लेकर सिफारिशों पर बंगाल सरकार से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी

एनएचआरसी ने संदेशखाली मुद्दे को लेकर सिफारिशों पर बंगाल सरकार से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी

Updated on: 13 Apr 2024, 08:15 PM

कोलकाता:

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में अवैध भूमि कब्जा, जबरन वसूली और महिलाओं के यौन उत्पीड़न की घटनाओं की शिकायतों पर अधिकार निकाय द्वारा की गईं 12 सिफारिशों पर शनिवार को पश्चिम बंगाल सरकार से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी।

एनएचआरसी ने एक बयान में कहा कि आयोग की स्पॉट जांच रिपोर्ट ने संदेशखाली में मानवाधिकार संबंधी कई चिंताओं को उजागर किया है। इस रिपोर्ट की एक प्रति आईएएनएस के पास उपलब्ध है।

बयान में कहा गया है, एनएचआरसी ने अपनी स्पॉट जांच रिपोर्ट पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी को भेज दी है, ताकि उसमें की गई हर सिफारिश पर आठ सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट पेश की जा सके। आयोग ने स्पॉट जांच रिपोर्ट को अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने का भी निर्देश दिया है।

एनएचआरसी की 12 सिफारिशों में यौन अपराधों के पीड़ितों की गवाही, सुरक्षा, परामर्श और पुनर्वास सुनिश्चित करना, वैध मालिकों को भूमि की वापसी, कृषि के लिए उपयुक्त बनाने के लिए उस भूमि का पुनरुद्धार, क्षेत्र से लापता महिलाओं/लड़कियों के मामलों की जांच और राष्ट्रव्यापी आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली का संचालन शामिल है। ।

एनएचआरसी ने अपने बयान में यह भी कहा कि कथित आरोपी व्यक्तियों के अत्याचारों के कारण बने माहौल ने पीड़ितों को चुप करा दिया।

बयान में कहा गया है, ग्रामीणों/पीड़ितों को हमले, धमकियों, यौन शोषण, भूमि पर कब्जा और जबरन अवैतनिक श्रम का सामना करना पड़ा और ऐसे हालात में उन्हें संदेशखाली क्षेत्र/राज्य के बाहर आजीविका की तलाश करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

आयोग की यह भी राय है कि यह आतंक का माहौल न केवल दुर्व्यवहार के चक्र को कायम रखता है, बल्कि पीड़ितों को चुप्पी की बेड़ियों से मुक्त करने के लिए एक सुरक्षित और सहायक वातावरण बनाने की तत्काल जरूरत को भी रेखांकित करता है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.