चुनावी राज्य राजस्थान में कांग्रेस के दो नेता ज्योति मिर्धा और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी सवाई सिंह भाजपा में शामिल हो गए हैं, जिससे राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं।
मिर्धा को राजस्थान में मजबूत जाट चेहरा माना जाता है। वह कांग्रेस के टिकट पर 2009 में नागौर से लोकसभा चुनाव जीत चुकी हैं। सोनिया गांधी ने भी उनके लिए प्रचार किया था।
सवाई सिंह कांग्रेस के टिकट पर खींवसर से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं।
मिर्धा के भाजपा में शामिल होने से पार्टी को जाट बहुल नागौर क्षेत्र में मजबूत बढ़त मिली है। वह पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से लोकसभा प्रत्याशी रहते हुए एनडीए प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल से हार गयी थीं।
एक भाजपा कार्यकर्ता ने कहा कि नागौर की राजनीति पर आज भी मिर्धा परिवार का प्रभाव है।
मिर्धा के बेटे भानुप्रकाश मिर्धा भी भाजपा के टिकट पर नागौर से चुनाव जीते थे।
ज्योति मिर्धा 2009 में नागौर सीट से सांसद थीं, लेकिन 2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव हार गईं।
मिर्धा परिवार का सीधा संबंध हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के परिवार से है। ज्योति मिर्धा की बहन श्वेता मिर्धा की शादी भूपेन्द्र हुडा के बेटे और राज्यसभा सांसद दीपेन्द्र सिंह हुडा से हुई है।
मिर्धा परिवार के अन्य नेताओं के भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं और जोर पकड़ रही हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रिछपाल मिर्धा और उनके बेटे डेगाना विधायक विजयपाल मिर्धा के भी भाजपा में शामिल होने की अटकलें चल रही हैं। रिछपाल मिर्धा ज्योति मिर्धा के चाचा हैं।
सवाई सिंह ने 2018 में कांग्रेस के टिकट पर खींवसर से विधानसभा चुनाव लड़ा था।
उन्होंने डीआइजी के रूप में कार्य किया और पुलिस बल में 34 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए। वह मूल रूप से नागौर के सिणोद के रहने वाले हैं। जून 1984 में उनका चयन पुलिस सेवा में हुआ था।
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Source : IANS