भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई सबसे महंगे शहर के तौर पर शीर्ष स्थान पर बनी हुई है। मुंबई ने दिल्ली जैसे शहर को पीछे छोड़ दिया है। सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
एशिया में, पहले नंबर पर मुंबई और दूसरे नंबर पर दिल्ली है। यहां खर्चे और रहने की लागत, दोनों ही मामले में यह सबसे महंगा शहर है। रैंकिंग में मुंबई छह पायदान ऊपर चढ़ गया है, जबकि दिल्ली दो पायदान ऊपर आई है।
कॉस्ट ऑफ लिविंग की मर्सर सर्वे 2024 की एक रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई अब प्रवासियों के लिए एशिया में 21वें स्थान पर है, जबकि दिल्ली सर्वे किए गए स्थानों में 30वें पोजीशन पर है।
मर्सर में इंडिया मोबिलिटी लीडर राहुल शर्मा ने कहा, वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच भारत काफी हद तक मजबूत स्थिति में है।
भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण विकास हुआ है। सर्वे के अनुसार, रोजगार वृद्धि, मध्यम वर्ग का बढ़ता दायरा और समग्र आर्थिक विकास जैसे कारकों ने देश में रहने की लागत को प्रभावित किया है।
राहुल शर्मा ने कहा, मुंबई की रैंकिंग में वृद्धि के बावजूद, भारतीय शहरों में रहने की कम लागत ने मल्टीनेशनल कंपनियों या भारतीय कंपनियों को वैश्विक प्रतिभाओं को आकर्षित करने में काफी हद तक फायदा हुआ है।
वैश्विक स्तर पर, हांगकांग ने एक बार फिर रहने के लिए सबसे महंगे शहर की लिस्ट में टॉप पर जगह बनाई है।
इस साल के सर्वे में, मुंबई 11 पायदान चढ़कर वैश्विक स्तर पर 136वें स्थान पर पहुंच गया है।
रैंकिंग में शामिल अन्य भारतीय शहरों में 4 पायदान की उछाल पर नई दिल्ली (164), 5 पायदान की गिरावट के साथ चेन्नई (189), 6 पायदान की गिरावट के साथ बेंगलुरु (195), स्थिरता पर हैदराबाद (202), 8 पायदान की उछाल के साथ पुणे (205) और 4 पायदान की उछाल के साथ कोलकाता (207) है।
सर्वे में कहा गया है कि ऊर्जा और लागत के मामले में मुंबई और पुणे सबसे महंगे शहर बने हुए हैं।
शर्मा ने कहा, घरेलू मांग और मजबूत सेवा क्षेत्र द्वारा संचालित हमारी संपन्न अर्थव्यवस्था वैश्विक प्रतिभा के लिए एक स्थिर वातावरण प्रदान करती है।
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Source : IANS