Advertisment

शहीद जम्मू-कश्मीर पुलिस अधिकारी के पिता ने बेटे को किया सलाम

शहीद जम्मू-कश्मीर पुलिस अधिकारी के पिता ने बेटे को किया सलाम

author-image
IANS
New Update
hindi-martyred-police-officer-father-defie-grief-and-tear-to-alute-hi-on--20230914084205-20230914093

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

शहीद अधिकारी बेटे के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित करते समय इस बहादुर पुलिस अधिकारी का साहस व धैर्य भारतीय पुलिस के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा।

कमजोर शरीर वाले सेवानिवृत्त आईजीपी गुलाम हसन भट्ट श्रीनगर में जिला पुलिस लाइन में अपने बेटे डीएसपी हुमायूं भट्ट के शव के पास चुपचाप खड़े रहे।

एडीजीपी जावेद मुजतबा गिलानी के साथ गुलाम हसन भट्ट ने तिरंगे में लिपटे अपने शहीद बेटे के ताबूत पर पुष्पांजलि अर्पित की।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्य सचिव अरुण मेहता, डीजीपी दिलबाग सिंह और जम्मू-कश्मीर पुलिस के अन्य सभी वरिष्ठ अधिकारी शहीद अधिकारी को अंतिम सम्मान देने के लिए उनके पिता के पीछे खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते रहे।

जेकेपीएस के 2018 बैच के अधिकारी हुमायूं की पिछले साल शादी हुई थी। उनकी पत्नी ने 26 दिन पहले ही बच्चे को जन्म दिया है।

किसी भी परिवार के लिए इससे बड़ी त्रासदी नहीं हो सकती है।

लेकिन, गुलाम हसन भट्ट ने दुख और आंसुओं को छिपाकर एक ऐसी मिसाल कायम की, जिसकी आम तौर पर कोई कल्पना भी नहीं कर सकता।

उन्होंने और उनके बेटे ने देश की पुलिस सेवा में प्रवेश लेते समय, जो शपथ ली थी, उस पर खरे उतरे।

भट की दृढ़ता, साहस, धैर्य और भावना को देश के प्रत्येक पुलिस प्रशिक्षण स्कूल, कॉलेज और अकादमी में भावी पुलिसकर्मियों के लिए उद्धृत किया जाएगा।

यह पिता एक जीवित किंवदंती बन गए हैं, जो देश के भावी अधिकारियों की पीढ़ियों को प्रेरित करेंगे। पुलिस बल का कर्तव्य है कि वह इस महान पिता के साथ खड़ा रहे।

देश के प्रत्येक पुलिस अधिकारी को एक बहादुर, साहसी पुलिस अधिकारी पिता के गौरवान्वित बेटे और बेटियों की तरह भट्ट के सामने अपना सिर झुकाना चाहिए।

हुमायूं अनंतनाग जिले के कोकरनाग इलाके में उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) थे।

वह सुरक्षा अधिकारियों की उस टीम का हिस्सा थे, जो गडोले पर्वतीय क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद वहां गये थे।

आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, 19 राष्ट्रीय राइफल्स के सीओ मेजर आशीष ढोंचक और डिप्टी एसपी हुमायूं भट्ट आतंकियों की गोलीबारी की चपेट में आ गए।

घायल अधिकारियों को निकालने के लिए पैरा कमांडो ऑपरेशन में शामिल हुए।

आतंकवादियों की गोलीबारी और पहाड़ी इलाके की अनिश्चितताओं का सामना करते हुए, घायल अधिकारियों को निकाला गया।

डीजीपी दिलबाग सिंह और एडीजीपी, विजय कुमार ऑपरेशन की निगरानी के लिए घटनास्थल पर पहुंचे।

दुर्भाग्य से, तीनों अधिकारियों का बहुत खून बह गया था और डॉक्टरों द्वारा उन्हें बचाया नहीं जा सका।

इन सभी ने राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य में सर्वोच्च बलिदान दिया।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment