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मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी की कांग्रेस संस्कृति को धमकाने वाली टिप्पणी को लेकर पलटवार किया

मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी की कांग्रेस संस्कृति को धमकाने वाली टिप्पणी को लेकर पलटवार किया

Updated on: 29 Mar 2024, 01:45 AM

नई दिल्ली:

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को अधिवक्ताओं द्वारा प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ को लिखे एक खुले पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस टिप्पणी की आलोचना की, जिसमें उन्होंने कहा था कि दूसरों को डराना और धमकाना कांग्रेस की पुरानी संस्कृति है। पत्र पर 600 से ज्‍यादा अधिवक्ताओं ने हस्ताक्षर किए थे।

पीएम मोदी ने एक्स लिखा : पांच दशक पहले ही उन्होंने प्रतिबद्ध न्यायपालिका का आह्वान किया था - वे बेशर्मी से अपने स्वार्थों के लिए दूसरों से प्रतिबद्धता चाहते हैं, लेकिन राष्ट्र के प्रति किसी भी प्रतिबद्धता से बचते हैं।

पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव के लिए सीट-बंटवारे की बातचीत में अपने सहयोगियों पर भारी पड़ने के बाद सबसे पुरानी पार्टी की कमजोर होती किस्मत पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा, कोई आश्चर्य नहीं कि 140 करोड़ भारतीय उन्हें खारिज कर रहे हैं।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए खड़गे ने कहा, पीएम मोदी, आपको जाहिर तौर पर जानकारी नहीं है, लेकिन पीएम के लिए हमारी न्यायपालिका पर टिप्पणी करना उचित नहीं है।

कांग्रेस नेता ने एक बयान में पीएम मोदी से कुछ सवाल भी पूछे :

सुप्रीम कोर्ट के 4 वरिष्ठतम न्यायाधीशों ने एक अभूतपूर्व प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों की थी और आपके शासन द्वारा लोकतंत्र के विनाश के खिलाफ चेतावनी क्यों दी थी?

आपकी सरकार द्वारा न्यायाधीशों में से एक को राज्यसभा के लिए क्यों नामित किया गया था?

आपकी पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल से उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश को क्यों मैदान में उतारा है?

खड़गे ने यह भी पूछा, आप राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) क्यों लाए, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था?

कांग्रेस प्रमुख ने प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए आगे कहा, पीएम मोदी जी, भारत की संस्थाएं भारत के लोगों की संपत्ति हैं। आप उनकी शक्तियों को हड़पने और हमारे देश को कमजोर करने के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार हैं।

उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी ने इन संस्थानों के निर्माण और पोषण में मदद की। हमारे हजारों कार्यकर्ताओं और नेताओं ने इनके लिए अपनी जान दे दी। हम इन संस्थानों को आपसे वापस लेंगे और भारत के लोगों को लौटाएंगे।

इससे पहले गुरुवार को, देश के शीर्ष अधिवक्ताओं - हरीश साल्वे, पिंकी आनंद, मनन कुमार मिश्रा, चेतन मित्तल, हितेश जैन और कई अन्य ने सीजेआई को एक खुला पत्र भेजा, जिसमें निहित स्वार्थी समूहों द्वारा किए गए प्रयासों पर अपनी चिंता जताई।

निहित स्वार्थों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों वकीलों का साथ देते हुए पीएम मोदी ने बताया कि कैसे कांग्रेस पांच दशक पहले एक प्रतिबद्ध न्यायपालिका चाहती थी, लेकिन अब स्वार्थ के लिए धमकाने वाली रणनीति का सहारा ले रही है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.