महाराष्ट्र के मंत्री अब्दुल सत्तार ने गुरुवार को जिला अधिकारियों से कृषकों की पीड़ा का पंचनामा निष्पक्ष रूप से बनाने और किसानों की जाति के आधार पर भेदभाव नहीं करने का आग्रह किया है।
मंत्री ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया है कि कोई भी किसान जिसे हाल ही में बेमौसम बारिश के कारण फसल का नुकसान हुआ है पंचनामा प्रक्रिया से छूट न जाए।
मंत्री अब्दुल सत्तार ने यह भी बताया कि अधिकारियों को यह ध्यान रखना चाहिए कि पीड़ित उनकी जाति, धर्म, राजनीतिक संबद्धता आदि पर ध्यान देने के बजाय पहले वे किसान हैं।
पिछले हफ्ते बेमौसम बारिश, तेज हवाओं और ओलावृष्टि ने 15 से अधिक जिलों में 1.20 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि में नकदी फसलों, अनाज, दालों, सब्जियों, फलों को बर्बाद कर दिया है। इस वजह से राजनीतिक हंगामा मचा हुआ है।
मंत्री ने प्रभावित किसानों को आश्वासन दिया कि सरकार उनके साथ मजबूती से खड़ी है और पंचनामा प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें मुआवजा दिया जाएगा।
मंत्री सत्तार ने कहा कि जिला अधिकारियों के साथ-साथ राजस्व और कृषि विभाग अगले कुछ दिनों में फसल क्षति आकलन पर अपनी रिपोर्ट सौंपने के बाद एनडीआरएफ मानदंडों के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को अधिकारियों को निर्देश दिया था कि किसानों को राहत देने के लिए पंचनामा प्रक्रिया और युद्ध स्तर पर मुआवजा दिया जाए।
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Source : IANS