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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))
कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष (विधानसभा) विजय वडेट्टीवार ने सोमवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस से कुछ धमकी भरे संदेश मिलने के बाद बढ़ी हुई सुरक्षा प्रदान करने का आग्रह किया।
धमकियों का नया दौर वडेट्टीवार के मोबाइल फोन पर आया और उन्होंने एहतियात के तौर पर अधिक सुरक्षा की मांग करते हुए खुद इसका खुलासा किया।
वडेट्टीवार ने हाल ही में शिवबा संगठन के नेता मनोज जारांगे-पाटिल द्वारा ओबीसी कोटा के माध्यम से मांगे गए मराठा कोटा के संबंध में सख्त रुख अपनाया है, उनका दावा है कि इससे मराठा युवाओं को कोई फायदा नहीं होगा।
कांग्रेस के ओबीसी चेहरे वडेट्टीवार ने कहा कि अगर मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र दिया गया, तो यह ओबीसी के अंतर्गत आने वाली अन्य 372 उप-जातियों के साथ अन्याय होगा।
उन्होंने पात्रता निर्धारित करने के लिए राज्य पिछड़ा आयोग पैनल द्वारा गहन सर्वेक्षण का आह्वान किया है, क्योंकि ओबीसी के बीच आशंकाएं हैं कि यदि मराठों को कुनबी जाति का दर्जा दिया जाता है, तो इससे ओबीसी के मौजूदा कोटा में गड़बड़ी होगी।
हालांकि वडेट्टीवार ने दोहराया है कि ओबीसी मराठा आरक्षण के विरोध में नहीं हैं, लेकिन उन्होंने उन्हें ओबीसी हिस्से से कोटा देने के कदम पर कड़ी नाराजगी जताई है, यह रुख सत्तारूढ़ सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एपी) के मंत्री छगन भुजबल ने अपनाया है।
वडेट्टीवार ने सुझाव दिया कि इसके बजाय, मराठों को 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा के भीतर ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत लाभ दिया जा सकता है और संभावित संघर्षों से बचा जा सकता है। जारांगे-पाटिल और उनके समर्थकों ने इसका कड़ा विरोध किया है, जिन्होंने वाडेट्टीवार पर मराठों को उनके अधिकारों से वंचित करने और उनके आंदोलन को विभाजित करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है।
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Source : IANS