logo-image

ओबीसी की महाराष्‍ट्र सरकार को चेतावनी: मराठों के आरक्षण के दबाव के आगे न झुकें

ओबीसी की महाराष्‍ट्र सरकार को चेतावनी: मराठों के आरक्षण के दबाव के आगे न झुकें

Updated on: 18 Sep 2023, 07:00 PM

नागपुर:

मराठा समुदाय को ओबीसी जाति प्रमाणपत्र जारी करने की महाराष्ट्र सरकार की योजना के विरोध में अन्‍य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के हजारों लोगों ने सोमवार को नागपुर, गोंदिया और हिंगोली में विरोध मार्च निकाला।

प्रदर्शनकारियों ने हाथों में बैनर, झंडे और पोस्टर लेकर नारे लगाए और मांग की कि सरकार को समुदाय को अंधाधुंध ओबीसी जाति प्रमाण पत्र जारी करके सावधान रहना चाहिए और मराठा दबावों के आगे नहीं झुकना चाहिए।

कई नेताओं ने कहा कि अगर राज्य सरकार ओबीसी हिस्से से मराठा कोटा काटती है तो वे चुप नहीं बैठेंगे और प्रशासन को ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ आगाह किया क्योंकि यह ओबीसी के हित के साथ अन्याय होगा।

सत्तारूढ़ सहयोगी भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और अन्य सहित कई दलों ने ओबीसी की मांग का समर्थन किया है कि उनके कोटा में गड़बड़ी नहीं की जानी चाहिए।

विधानसभा में विपक्ष के नेता कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार ने सरकार से सवाल किया कि उसने सभी समुदायों के लिए समान कोटा और न्याय सुनिश्चित करने के लिए मराठों के बराबर ओबीसी की मांगों को क्यों नहीं लिया।

उन्होंने पूछा, सरकार का कोई प्रतिनिधि, मंत्री या मुख्‍यमंत्री एकनाथ शिंदे पिछले 10 दिन से विरोध-प्रदर्शन कर रहे ओबीसी से बात करने क्यों नहीं आ रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने सरकार से राज्य सरकार के कदमों में ओबीसी के आरक्षण पर चर्चा करने के लिए मराठों के लिए आयोजित एक समान बैठक की तर्ज पर एक सर्वदलीय बैठक बुलाने और धनगरों के लिए कोटा पर भी चर्चा करने का आग्रह किया।

वडेट्टीवार ने सरकार से ओबीसी के प्रति उसी स्तर की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने का आह्वान किया जैसा उसने पिछले सप्ताह मराठों के लिए किया था जब उनके नेता मनोज जारांगे-पाटिल अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे।

नागपुर के अलावा, हिंगोली और गोंदिया जिलों में भी इसी तरह के जुलूस निकाले गए और बाद में ओबीसी नेताओं के प्रतिनिधिमंडलों ने संबंधित कलेक्टरों को अपनी मांगों का एक ज्ञापन सौंपा।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.