तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के महासचिव नारा लोकेश ने शुक्रवार को एपी फाइबरनेट और कौशल विकास घोटाले में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की। वहीं, अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने अदालत को सूचित किया कि वह अमरावती इनर रिंग रोड मामले में आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए के तहत उन्हें नोटिस जारी करेगा।
लोकेश के वकील ने फाइबरनेट और कौशल विकास मामलों में अग्रिम जमानत याचिकाओं पर जल्द सुनवाई की मांग की है।
लोकेश टीडीपी सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के बेटे हैं, जो कौशल विकास घोटाले में पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं।
इस बीच, अमरावती इनर रिंग रोड मामले में लोकेश की अग्रिम जमानत पर हाई कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की।
महाधिवक्ता सुब्रह्मण्यम श्रीराम ने अदालत को सूचित किया कि मामले में पूछताछ के लिए लोकेश को सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत नोटिस जारी किया जाएगा।
चूंकि मामले में गिरफ्तारी की आशंका नहीं है, इसलिए अदालत ने टीडीपी नेता की अग्रिम जमानत की याचिका पर सुनवाई पूरी कर ली।
सीआईडी ने मंगलवार को विजयवाड़ा एसीबी कोर्ट में एक मेमो दायर किया था, जिसमें लोकेश को मामले में आरोपी बनाया गया था। लोकेश को मामले में 14वें आरोपी के रूप में नामित किया गया है।
विभाग ने पहले ही नायडू को अमरावती इनर रिंग रोड मामले और एपी फाइबरनेट मामले में आरोपी के रूप में नामित किया है और विजयवाड़ा एसीबी कोर्ट में उनके खिलाफ कैदी ट्रांजिट (पीटी) वारंट याचिका दायर की है।
नायडू ने दोनों मामलों में अग्रिम जमानत के लिए हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की है।
सीआईडी ने मई 2022 में अमरावती में एक आंतरिक रिंग रोड के निर्माण में कथित अनियमितताओं के लिए चंद्रबाबू नायडू, पूर्व नगरपालिका प्रशासन मंत्री डॉ. पी. नारायण, हेरिटेज फूड्स लिमिटेड और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
यह प्राथमिकी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के मंगलगिरी विधायक ए. राम कृष्ण रेड्डी की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी।
यह आरोप लगाया गया था कि आंध्र प्रदेश की राजधानी के लिए मास्टर प्लान के डिजाइन और रिंग रोड के संरेखण के संबंध में 2014 और 2019 के बीच उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारियों द्वारा कुछ व्यक्तियों को गलत लाभ पहुंचाने के लिए कुछ अवैध और भ्रष्ट गतिविधियां की गईं।
हेरिटेज फूड्स चंद्रबाबू नायडू के परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी है। सीआईडी ने कहा था कि वह तीनों घोटालों में लोकेश की भूमिका की जांच कर रही है।
ये घोटाले कथित तौर पर तब हुए जब नायडू मुख्यमंत्री और लोकेश कैबिनेट मंत्री थे।
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Source : IANS