उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने सोमवार को आप के पूर्व नेता और दिल्ली के मंत्री राज कुमार आनंद के इस्तीफे को विचार के लिए राष्ट्रपति के पास भेज दिया।
राज निवास के अनुसार, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर रहने के दौरान एक महीने और 20 दिनों के अंतराल के बाद मंत्री राज कुमार आनंद के इस्तीफे को एलजी से स्वीकार करने की सिफारिश की।
अधिकारी ने कहा, एलजी को की गई इस सिफारिश के साथ ही एससी/एसटी कल्याण, समाज कल्याण, सहकारिता और गुरुद्वारा चुनाव जैसे महत्वपूर्ण विभाग बिना मुखिया के हो गए हैं। एलजी को की गई अपनी सिफारिश में केजरीवाल ने इन विभागों को किसी अन्य मंत्री को आवंटित नहीं किया है।
आनंद ने मुख्यमंत्री को भेजे अपने इस्तीफे में इन विभागों में निष्क्रियता और भ्रष्टाचार के साथ-साथ मंत्रियों के जेल में होने के अलावा एससी/एसटी फंड को अन्य उद्देश्यों/योजनाओं में डायवर्ट करने को भी अपने पद छोड़ने का कारण बताया था।
गौरतलब है कि आनंद हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से बसपा के उम्मीदवार थे।
मजे की बात यह है कि 21 दिनों तक जमानत पर रहने के दौरान केजरीवाल ने एमसीडी में मेयर चुनाव से संबंधित फाइल एलजी को नहीं भेजा।
राज निवास ने कहा, केजरीवाल ने दिल्ली में जल संकट के मामले में एलजी के साथ अंतर-राज्यीय सहयोग/समन्वय का मुद्दा भी नहीं उठाया।
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Source(IANS)