Advertisment

कर्नाटक की शिवमोगा सीट दिलचस्प मुकाबले के लिए तैयार

कर्नाटक की शिवमोगा सीट दिलचस्प मुकाबले के लिए तैयार

author-image
IANS
New Update
hindi-ktaka-hivamogga-mp-eat-all-et-to-witne-dramatic-contet--20240315132405-20240315161921

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

कर्नाटक में शिवमोगा लोकसभा सीट को पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और उनके परिवार का गढ़ माना जाता है। यहां इस बार दिलचस्प मुकाबला होने वाला है। येदियुरप्पा के बेटे बी.वाई. राघवेंद्र इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और उन्हें चौथी बार निर्वाचित होने की उम्मीद है। कांग्रेस ने यहां से दिवंगत पूर्व सीएम बी.एस. बांगरप्पा की बेटी गीता शिवराजकुमार को मैदान में उतारा है। गीता कन्नड सुपरस्टार डॉ. शिवराजकुमार की पत्नी हैं।

उधर, भाजपा के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता के.एस. ईश्वरप्पा ने शिवमोगा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने पर फैसला करने के लिए अपने समर्थकों के साथ बैठक बुलाई है। ईश्वरप्पा ने यह कदम अपने बेटे के.ई. कंथेश को हावेरी लोकसभा सीट से बीजेपी से टिकट नहीं दिए जाने के बाद उठाया है।

गीता शिवराजकुमार शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा की बहन भी हैं। कांग्रेस भाजपा से सीट छीनने और येदियुरप्पा के परिवार को झटका देने के लिए अपनी रणनीति बना रही है। अपनी पार्टी के खिलाफ ईश्वरप्पा की बगावत से कांग्रेस खेमे में खुशी का माहौल है।

इस निर्वाचन क्षेत्र ने 2009 और 2019 के आम चुनावों में बी.वाई. राघवेंद्र को सांसद के रूप में चुना था। वह शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा के खिलाफ 2018 के संसदीय उपचुनाव में भी विजयी हुए। 2014 में, येदियुरप्पा खुद इस सीट से लड़े और 3.63 लाख वोटों के भारी अंतर से चुने गए। गीता शिवराजकुमार, जिन्हें जद (एस) के उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा गया था, तीसरे स्थान पर खिसक गईं। 2009 में अपने पहले लोकसभा चुनाव में, राघवेंद्र ने दिवंगत पूर्व सीएम एस. बंगारप्पा को हराया था।

भाजपा और कांग्रेस की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद दोनों ओर से तीर चलने लगे हैं। ऐसे में ईश्वरप्पा की बगावत ने मुकाबला और दिलचस्प बना दिया है।

येदियुरप्पा के करीबी सहयोगियों में से एक ईश्वरप्पा शिवमोगा जिले से हैं और उन्होंने कर्नाटक में पार्टी के विकास में अहम भूमिका निभाई है। ईश्वरप्पा ने शुक्रवार को येदियुरप्पा पर निशाना साधा और कहा कि उनकी वजह से ही उनके बेटे को टिकट नहीं दिया गया।

उन्होंने कहा, “मेरे समर्थकों ने एक बैठक बुलाई है। देखते हैं क्या होता है। अब वे मुझे एमएलसी बनाने का वादा कर रहे हैं, जिस पर मैं विश्वास नहीं करने वाला।”

जब भाजपा सत्ता में थी, तब ईश्वरप्पा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और जब उन्हें शिमोगा शहर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिया गया, तो उन्होंने कोई बयान जारी नहीं किया।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment