कर्नाटक भाजपा ने मंगलवार को दूध के दामों में बढ़ोतरी को लेकर सरकार की आलोचना की और कहा कि कांग्रेस ने आपातकाल की वर्षगांठ मनाने के लिए ये दाम बढ़ाए हैं।
कर्नाटक में विपक्ष के नेता (एलओपी) आर. अशोक ने कहा,“मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 13 महीनों में दो बार दूध के दाम बढ़ाए हैं। उन्होंने आपातकाल की वर्षगांठ मनाने के लिए ही दूध के दाम बढ़ाए हैं। पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी से लोग परेशान हैं। अब दूध के दाम बढ़ाकर वे गरीबों के जख्मों पर नमक छिड़क रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि सरकार को तुरंत ये कीमतें वापस लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को लगता था कि वे कर्नाटक में लोकसभा चुनाव में दहाई का आंकड़ा पार कर जाएंगे, लेकिन लोगों ने उन्हें खारिज कर दिया। एलओपी ने कहा, “इसका बदला लेने के लिए सरकार ने दूध के दाम बढ़ाए हैं।”
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने कहा कि राज्य सरकार कीमतें बढ़ाने में माहिर होती जा रही है। उन्होंने सरकार पर गरीबों की मदद न करने और डेयरी फार्मिंग पर निर्भर किसानों की मदद न करने का आरोप लगाया।
बृहत बेंगलूरु होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष पी.सी. राव ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी और प्रस्तावित जल शुल्क वृद्धि के बावजूद होटल मालिकों ने ग्राहकों के हित में खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की है।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) देश में सबसे कम कीमत पर नंदिनी दूध बेच रहा है।
केएमएफ के अध्यक्ष भीमा नाइक ने कहा कि दूध की कीमत नहीं बढ़ाई गई है। उन्होंने कहा, हम प्रत्येक पैकेट में 50 मिलीलीटर अतिरिक्त दूध के लिए 2 रुपये अतिरिक्त ले रहे हैं।
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Source : IANS