कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने गुरुवार को डॉक्टरों से उन गरीब लोगों का मानवता के साथ इलाज करने का आह्वान किया, जो उनके पास पुराने और गंदे कपड़ों में आते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें बिना भेदभाव के अच्छी स्वास्थ्य सेवा मिलनी चाहिए।
मुख्यमंत्री सिद्दारमैया स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा कर्नाटक विधान सौध की सीढ़ियों पर आयोजित एक कार्यक्रम में 262 अत्याधुनिक एम्बुलेंस को सार्वजनिक सेवा में समर्पित करने के बाद बोल रहे थे।
सिद्दारमैया ने कहा कि यह देखना सरकार का लक्ष्य है कि बेंगलुरु के विश्व स्तरीय जयदेव अस्पताल में प्रदान की जाने वाली गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ सभी सरकारी अस्पतालों में भी उपलब्ध हों।
उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। स्वास्थ्य सेवा में आपातकालीन एम्बुलेंस को जोड़ा गया है ताकि इलाज के अभाव में किसी की जान न जाए।
उन्होंने कहा कि राज्य में 840 से अधिक एम्बुलेंस की आवश्यकता है और प्रत्येक तालुक में चार एम्बुलेंस काम कर रही हैं और हर दिन सैकड़ों लोगों को आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रही हैं।
उन्होंने बताया कि प्राथमिक आपातकालीन उपचार जीवन बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सिद्दारमैया ने कहा कि हर जिले में एमआरआई स्कैनिंग की सुविधा होनी चाहिए क्योंकि निजी डायग्नोस्टिक केंद्रों में सेवाओं की उच्च लागत के कारण गरीबों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
सीएम ने कहा कि अकेले इसी कारण से हजारों लोग मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए आवेदन कर रहे हैं। इसलिए, राज्य में ऐसा माहौल बनाया जा रहा है जहां सरकारी अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध हो। जब जयदेव अस्पताल से अच्छी सेवा संभव है, तो अन्य स्थानों पर भी समान गुणवत्ता वाली सेवा प्रदान करना संभव है।
उन्होंने इस बात की सराहना की कि राज्य सरकार इस दिशा में कड़ी मेहनत कर रही है। सिद्दारमैया ने स्वास्थ्य मंत्री को उत्तर कर्नाटक पर अधिक ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक रिजवान अरे ने की। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार, स्वास्थ्य मंत्री दिनेश और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS