कर्नाटक भाजपा विधायक टिकट घोटाले के मुख्य आरोपी हिंदू कार्यकर्ता चैत्रा कुंडपुरा ने अपराध में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की संलिप्तता का दावा किया है। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को लिखे पत्र में कुंडापुरा ने मांग की है कि उनके मामले में शिकायतकर्ता उद्योगपति गोविंदा बाबू पुजारी के लेनदेन की धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत जांच की जाए। उन्होंने जांच में सहयोग करने की इच्छा भी व्यक्त की।
सूत्रों ने आगे बताया कि चैत्रा ने अपनी गिरफ्तारी से पहले ईडी को लिखे पत्र में ये खुलासे किए थे।
उन्होंने यह पत्र तब लिखा था जब पुजारी, जिन्होंने पांच करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया था, ने टिकट नहीं मिलने पर अपने पैसे वापस मांगना शुरू कर दिया था।
पुजारी के एक सहयोगी ने पांच करोड़ रुपये नकद दिए थे।
खुद पुजारी ने भी उनसे इस बारे में बात की। उसने विधायक का चुनाव लड़ने के लिए टिकट के लिए पैसे ट्रांसफर कराए थे। उन्होंने मंजूनाथ को एक करोड़ रुपये, अभिनव हलश्री को डेढ़ करोड़ रुपये और विश्वनाथ जी. को तीन करोड़ रुपये दिए थे।
उसने दावा किया कि उसने पुजारी को पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी थी।
चैत्रा ने दावा किया कि वह बेंगलुरु में एक निजी कंपनी में काम करती है और उसने उद्योगपति गोविंद बाबू पुजारी से अवैध लेनदेन की पुष्टि की थी।
यह शख्स कुछ समय के लिए मुंबई में बस गया था और कारोबार करता था। वह बेंगलुरु में कैटरिंग इंडस्ट्री चलाता है।
चैत्रा ने अपनी शिकायत में कहा, वह विधानसभा के लिए भाजपा का टिकट चाहता था। चूंकि मैं एक पत्रकार थी, मैं पैसे के लेनदेन पर एक स्टिंग ऑपरेशन करना चाहती थी। इसलिए मैंने जानकारी इकट्ठा करने के लिए गोविंदा बाबू पुजारी और उनके सहयोगी प्रसाद पुजारी को फोन किया।
उन्होंने कहा, मैं कारोबारी के करीबी लोगों के संपर्क में थी और उसे बेनकाब करने के इरादे से जानकारी जुटा रही थी।
उन्होंने अपनी शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि सौभाग्य से उन्हें विधायक का चुनाव लड़ने के लिए भाजपा का टिकट नहीं मिला। आम तौर पर चुनाव घोषित होने के बाद राजनीतिक दल नेताओं को पद नहीं देते हैं। लेकिन, आश्चर्यजनक रूप से भाजपा ने गोविंद बाबू पुजारी को पिछड़ा वर्ग मोर्चा का सचिव बना दिया।
पोस्टिंग के बाद उन्होंने बैंदुर सीट पर भाजपा उम्मीदवार गुरुराज गंथीहोली के लिए प्रचार किया था। चुनाव प्रचार के दौरान, गोविंद बाबू पुजारी की पहचान राज्य और राष्ट्रीय नेताओं से होने लगी। उनकी शिकायत में कहा गया, मुझे इस घोटाले में प्रभावशाली नेताओं के शामिल होने का पूरा संदेह है।
सूत्र बताते हैं कि चैत्रा ने शिकायत में कहा है कि उनके पास इन आरोपों को साबित करने के लिए सबूत नहीं थे और उन्होंने गोविंद बाबू पुजारी का फोन रिकॉर्ड किया था कि उन्होंने भाजपा टिकट के लिए छह करोड़ रुपये गंवाए हैं और उन्हें सलाह दी थी कि पुलिस में शिकायत दर्ज करें।
कर्नाटक पुलिस ने चैत्रा कुंडपुरा और उसके साथियों को पांच करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने और उद्योगपति गोविंद बाबू पुजारी को भाजपा से विधानसभा का टिकट देने का वादा कर धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
मामले में प्रमुख धार्मिक नेता अभिनव हलश्री फरार हैं।
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Source : IANS