भाजपा के केरल चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार अपनी विफलताओं का दोष केंद्र पर मढ़ रही है।
जावड़ेकर ने कहा, “पिनाराई विजयन सरकार दावा कर रही है कि केंद्र ने 19 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधारी की अनुमति देने का राज्य का अनुरोध अस्वीकार कर दिया है। तथ्य यह है कि केरल को 2022-23 में 28 हजार करोड़ रुपये उधार लेने की अनुमति दी गई थी और उसने वह राशि उधार ली।
“केरल को 2023-24 में 32 हजार करोड़ रुपये उधार लेने की अनुमति दी गई थी। केंद्र ने केरल को उसके वित्तीय संकट को ध्यान में रखते हुए 50 प्रतिशत अधिक यानी 48 हजार करोड़ रुपये उधार लेने की अनुमति दी, जो राज्य सरकार की अयोग्यता का परिणाम है।”
उन्होंने आगे बताया कि केंद्र ने 2023-24 में अनुदान और हस्तांतरण के रूप में 34 हजार करोड़ रुपये दिए थे।
सांसद ने कहा, “उधार लेने की सीमा वित्त आयोग के फॉर्मूले के अनुसार तय की जाती है जो सभी राज्यों पर लागू होती है। पीएम नरेंद्र मोदी सरकार केरल की मदद के लिए आगे आई। केंद्र को धन्यवाद देने की बजाय राज्य सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए उस पर आरोप लगा रही है।”
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में केरल सरकार द्वारा दायर एक याचिका सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है। इसमें आरोप लगाया गया है कि केंद्र ने संघवाद के सभी सिद्धांतों का उल्लंघन किया है और केरल के उधार लेने पर रोक लगा दी है, जिससे राज्य गंभीर संकट में है।
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Source : IANS