मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के अनुभवी नेता और केरल के पूर्व मंत्री ए.के. बालन ने शनिवार को चिंता जताते हुए चेतावनी दी कि अगर पार्टी इस लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है तो वह अपना राष्ट्रीय दर्जा खो देगी।
पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य बालन ने कहा, राष्ट्रीय दर्जा खोने पर समस्या यह होगी कि माकपा अपने प्रतीक चिह्न का उपयोग नहीं कर पाएगी और फिर हम चुनाव आयोग की दया पर निर्भर होंगे जो हमें कोई दूसरा चनाव चिह्न आवंटित करेगा।
बालन ने कहा, “और अगर ऐसा कुछ होता है, तो कौन जानता है कि हमारे उम्मीदवारों को पैंगोलिन (मलयालम में इसे एनाम्पेची कहा जाता है) या यहां तक कि ऑक्टोपस (मलयालम में नीराली) जैसे प्रतीक पर भी चुनाव लड़ना होगा। फिर हमें कहना होगा कि एनामपेची या ऑक्टोपस के चिह्न पर एलडीएफ उम्मीदवार को वोट दें।
बालन माकपा समर्थित राज्य संचालित संगठन के स्टाफ सदस्यों की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे।
2019 के लोकसभा चुनाव में माकपा के नेतृत्व वाले वाम दल ने केरल में 20 में से सिर्फ एक सीट जीती थी।
2019 से 2024 तक पार्टी के सिर्फ 3 लोकसभा सदस्य हैं और पार्टी महज 0.55 फीसदी वोट हासिल करने में सफल रही।
पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में सफाया होने के बाद केरल माकपा का आखिरी गढ़ है, इसलिए बालन और उनकी पार्टी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि भविष्य में उनका क्या होगा।
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Source : IANS