कश्मीर के लोगों द्वारा दिखाए गए प्यार और गर्मजोशी का समुचित उत्तर देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे से घाटी में लोगों की आशाएं और उम्मीदें बढ़ गईं हैं।
गौरतलब है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद गुरुवार को पीएम मोदी की घाटी की पहली यात्रा थी और यह देश के किसी भी प्रधानमंत्री की अब तक की सबसे सफल कश्मीर यात्रा मानी जा रही है।
पीएम मोदी की रैली में शामिल होने के लिए घाटी के लगभग हर कोने से लोग पहुंचे।
उधर कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार ने लोगों को रैली में शामिल होने के लिए मजबूर किया।
लेकिन लगभग एक लाख लोगों के एक जगह एकत्रित होने, मोदी-मोदी के नारे लगाने व उत्साह प्रदर्शित करने से विपक्षियों की आलोचना लोगों को पच नहीं रही है।
गौरतलब है कि अतीत में, जब कश्मीर में आधिकारिक समारोहों के दौरान राष्ट्रगान बजाया जाता था, तो कुछ लोग खड़े भी नहीं होते थे। इनमें स्थानीय सरकारी कर्मचारी भी शामिल होते थे।
अब सच्चाई यह है कि कश्मीर में आमूल-चूल परिवर्तन आया है। अब यहां क्षेत्र और धर्म के नाम पर लोगों की भावनाओं का शोषण नहीं किया जाता। कश्मीरियों को समझ आ गया है कि मोदी हैं ताेे मुमकिन है और यह उम्मीद रैली में मौजूद हर मुस्कुराते चेहरे पर देखी जा सकती थी।
रैली में शामिल 48 वर्षीय स्थानीय कारीगर नज़ीर अहमद ने कहा, पीएम मोदी ने यह सुनिश्चित करने का वादा किया है कि कश्मीर की कला और शिल्प एक बार फिर अपनी ऊंचाई हासिल करेगी और मुझे उन पर भरोसा है।
दिलचस्प बात यह है कि जिनके लिए प्रधानमंत्री ने कुछ भी करने का वादा नहीं किया, वे भी उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी समस्याएं हल हो जाएंगी।
जल शक्ति विभाग में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी इमरान भट्ट जैसे हजारों अन्य कर्मचारी अपनी सेवाओं के नियमित होने की उम्मीद कर रहे हैं।
भट्ट ने कहा, पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के हर घर में शांति और समृद्धि लाने का वादा किया है, तो उसमे हम भी शामिल हैं।
इमरान ने बख्शी स्टेडियम से निकलने के बाद कहा,“मुझे यकीन है कि पीएम मोदी हमारी सेवाओं को नियमित कराएंगे। वह अकेले ही इसे पूरा कर सकते हैं। जम्मू-कश्मीर में अब तक सभी सरकारों ने हमसे केवल खोखले वादे किए हैं।”
रैली में इतनी बड़ी संख्या में आए लोगों की सुरक्षा के प्रबंधन में स्थानीय पुलिस सबसे आगे थी।
लोगों ने पुलिस द्वारा बताए गए हर सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया और कार्यक्रम स्थल और उसके आसपास लोगों और स्थानीय पुलिसकर्मियों के बीच परस्पर सम्मान था।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक संपत्ति उप-निरीक्षक सुलेमान खान ने कहा,“यह पीएम मोदी के कारण हुआ है। अब हमारी वर्दी का सम्मान है। ऐसे भी दिन थे, जब पुलिसकर्मी पत्थरबाजों और राष्ट्र-विरोधी तत्वों के डर से अपना पहचान पत्र नहीं रखते थे। लेकिन आज, हमें इस वर्दी द्वारा दी गई गरिमा और सम्मान पर गर्व है। कश्मीर में यह परिवर्तन किसने संभव किया? यह मोदीजी और उनका दृढ़ संकल्प है कि कश्मीर में कानून का शासन वापस आया। ”
टैक्सी ऑपरेटरों, होटल व्यवसायियों, टूर एंड ट्रैवल ऑपरेटरों, कारीगरों, खुदरा व्यापार से जुड़े लोगों, छोटे उद्योगपतियों और अन्य लोगों को बेहतर कल की उम्मीद है, क्योंकि पीएम मोदी ने उन्हें ऐसे भविष्य की गारंटी दी है।
उन्होंने अपने भाषण के दौरान कहा कि वह चाहते हैं कि प्रत्येक पर्यटक अपने यात्रा बजट का 5 से 10 प्रतिशत स्थानीय उत्पाद खरीदने में खर्च करे।
“कल जब पीएम ने स्थानीय स्टालों का दौरा किया, तो उन्होंने स्वयं कुछ हस्तशिल्प वस्तुएं और कृषि उत्पाद खरीदे। उनके पास स्थानीय कला और शिल्प के पुनरुद्धार का विजन है।
लकड़ी पर नक्काशी करने वाले नसीर अली ने कहा, नया कश्मीर के हमारे सपने को पूरा करने के लिए पीएम मोदी को हमारे समर्थन की ज़रूरत है, जिसमें हर कोई बिना किसी डर के और आत्म-सम्मान के साथ रहेगा।
जिस तरह से लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ रैली के बारे में बातें कर रहे हैं, उससे यह स्पष्ट है कि लोग खुद स्वेच्छा से वहां पहुंचे थे। हजारों लोग गर्व से बता रहे हैं कि उन्होंने बख्शी स्टेडियम में पीएम मोदी को क्या कहते सुना।
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Source : IANS