पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि उन्हें यह देखकर दुख होता है कि माकपा इंडिया गठबंधन के एजेंडे को नियंत्रित कर रही है।
मध्य कोलकाता में पार्क सर्कस सेवन-पॉइंट क्रॉसिंग पर अपनी तृणमूल कांग्रेस द्वारा आयोजित ”सद्भावना रैली” के अंत में एक बैठक में उन्होंने कहा, इंडिया नाम मेरे दिमाग की उपज है। लेकिन जब मैं देखती हूं कि माकपा को विपक्षी गठबंधन की बैठकों के एजेंडे को नियंत्रित करने की अनुमति दी जा रही है तो मुझे दुख होता है। मैं इसे कभी स्वीकार नहीं कर सकती। मुझे दुख होता है, क्योंकि हमने पश्चिम बंगाल में माकपा के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे के शासन को समाप्त करने के लिए 34 वर्षों तक संघर्ष किया है।“
उन्होंने कहा कि इस तरह के घटनाक्रम भाजपा को अपनी ताकत बढ़ाने में मदद कर रहे हैं।
ममता ने कहा, मैं उस लड़ाई का नेतृत्व करने के लिए तैयार हूं जो पहले ही शुरू हो चुकी है, लेकिन बाधाएं पैदा की जा रही हैं। लड़ाई जारी रहेगी। हम कायर नहीं हैं। हम लड़ेंगे। हम एक भी सीट पर भाजपा के लिए एक इंच भी गुंजाइश नहीं छोड़ेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि निश्चित तौर पर धार्मिक भावनाओं का इस्तेमाल कर मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है और इस प्रवृत्ति के खिलाफ संघर्ष में पश्चिम बंगाल अहम भूमिका निभाएगा।
माकपा और इंडिया की बैठक के बारे में उनकी टिप्पणी उस दिन आई, जब यह जानकारी सामने आई कि वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य और राज्य सचिव मोहम्मद सलीम के साथ व्यक्तिगत रूप से संवाद किया है, ताकि उन्हें कांग्रेस की न्याय यात्रा कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जा सके, जब राहुत गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो न्याय यात्रा पश्चिम बंगाल से होकर गुजरेगी।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, मुख्यमंत्री की टिप्पणियों ने इस बात को लेकर अनिश्चितता पैदा कर दी है कि क्या तृणमूल न्याय यात्रा में अपने प्रतिनिधि भेजेगी।
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Source : IANS