logo-image

कर्नाटक में हिंदुओं पर हमला, कांग्रेस सरकार ने राज्यपाल को झूठ बोलने पर मजबूर किया : भाजपा

कर्नाटक में हिंदुओं पर हमला, कांग्रेस सरकार ने राज्यपाल को झूठ बोलने पर मजबूर किया : भाजपा

Updated on: 12 Feb 2024, 07:15 PM

बेंगलुरु:

कर्नाटक भाजपा ने सोमवार को बेंगलुरु में विधान सौध में संयुक्त सत्र में राज्यपाल के भाषण पर कांग्रेस सरकार की आलोचना की।

नेता प्रतिपक्ष आर. अशोक ने कहा कि राज्य में हिंदुओं पर हमला हो रहा है और कांग्रेस सरकार ने राज्यपाल को झूठ बोलने के लिए मजबूर किया है।

उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा, राज्य में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ रही हैं। कांग्रेस सरकार का कानून व्यवस्था बनाए रखने का दावा भी शर्मनाक है। राज्य सरकार ने भाजपा द्वारा किए गए कार्यों को अपना बताकर माननीय राज्यपाल को झूठ बोलने के लिए भी मजबूर किया है।”

अशोक ने कहा कि राज्य में हिंदुओं के प्रति नफरत बढ़ रही है। उन्होंने कहा, आतंकवादी गतिविधियां चिंताजनक रूप से बढ़ी हैं, लेकिन राज्य सरकार इसे सभी धर्मों के लिए एक सुंदर उद्यान बता रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने हिंदू और मुसलमानों के बीच नफरत फैलाई है। उन्होंने कहा, कांग्रेस सरकार ने मुसलमानों के लिए 1,000 करोड़ रुपये जारी किए, लेकिन जब उनसे अन्य समुदायों के लिए मुआवजे की मांग की गई, तो उन्होंने केंद्र सरकार पर उंगली उठाई और कहा कि उन्होंने धन जारी नहीं किया है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस का दावा है कि उन्होंने पांचों गारंटी लागू कर दी है, लेकिन युवा निधि योजना के तहत बेरोजगारों को अभी तक भत्ता नहीं मिला है।

अशोक ने कहा, “उनका दावा है कि सूखा राहत भी जारी कर दी गई है, लेकिन राहत किस्तों में नहीं दी जानी चाहिए। पिछली भाजपा सरकार ने किसानों को केवल एक किस्त में राहत राशि जारी की थी। हमने प्रत्येक किसान के लिए 25,000 रुपये की राहत की भी मांग की थी, लेकिन इस पर चर्चा तक नहीं की गई और वे अनावश्यक रूप से केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि बच्चों को चिक्की मिठाई दी जाती है और उनसे शौचालय साफ कराया जाता है।

उन्होंने कहा, “शिवमोग्गा हवाईअड्डा पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के शासनकाल के दौरान बनाया गया था। मेट्रो रेल परियोजना केंद्र के अधीन है। जल जीवन मिशन भी केंद्र सरकार की ही देन है। हालांकि, इन सभी परियोजनाओं पर कर्नाटक कांग्रेस सरकार का दावा है।”

उन्होंने कहा कि एक तरफ कांग्रेस सरकार कन्नड़ भाषा की रक्षक होने का दावा करती है, लेकिन दूसरी तरफ वही सरकार कन्नड़ कार्यकर्ताओं को जेल में डाल देती है।

एलओपी ने कहा, “सरकार का यह भी दावा है कि सूखे के बावजूद किसानों की आत्महत्या की संख्या में कमी आई है। मंत्री शिवानंद पाटिल ने भी अपमानजनक बयान दिया है, जिसमें कहा गया है कि किसान मुआवजा पाने के लिए आत्महत्या करते हैं।”

उन्होंने कहा कि आत्महत्या के मामले केवल बढ़ रहे हैं, इनमें कमी नहीं आई है जैसा कि सरकार दावा कर रही है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नाम मात्र के लिए 2,000 रुपये मुआवजे की घोषणा की थी और सभी किसानों को राहत राशि नहीं दी गई है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, पंजीकरण प्रक्रिया में तकनीकी दिक्कतें हैं और सरकार बेशर्मी से दावा करती है कि किसानों को मुआवजा दिया गया है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार की गारंटी योजनाओं के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था मंदी में है और खजाना खाली है।

पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने राज्यपाल के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे निराशाजनक बताया और कहा कि उन्होंने इतना फीका भाषण कभी नहीं सुना।

बोम्मई ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने उन सभी योजनाओं और कार्यों का श्रेय लिया है जो भाजपा सरकार द्वारा शुरू किए गए थे।

उन्होंने कहा, “सरकार ने पिछले आठ महीनों में सिंचाई योजनाओं पर 10,000 करोड़ रुपये खर्च करने का दावा किया है। उन्हें हर योजना पर खर्च किए गए धन का विवरण साझा करना चाहिए।”

केंद्र द्वारा फंड जारी नहीं करने के सरकार के आरोपों का जवाब देते हुए बोम्मई ने कहा कि भाजपा मौजूदा सत्र में इस पर चर्चा करेगी। उन्होंने कहा, हमारे पास यह साबित करने के लिए दस्तावेज हैं कि यूपीए और एनडीए के कार्यकाल के दौरान राज्य को कितना धन मिला।

उन्होंने कहा कि संविधान सभी धर्मों को समान रूप से मानता है, लेकिन कांग्रेस सरकार एक विशेष समुदाय का तुष्टिकरण कर रही है।

प्रदेश अध्यक्ष एवं भाजपा विधायक बी.वाई. विजयेंद्र ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया के लायक नहीं है।

उन्‍होंने कहा, “यह सरकार की विफलताओं को छुपाने के लिए दिया गया भाषण है। दलालों का आतंक अब सारी हदें पार कर चुका है। यह 50 फीसदी कमीशन वाली सरकार है।”

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.