Advertisment

स्वाति मालीवाल मामला : दिल्ली हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी के खिलाफ विभव कुमार की याचिका एमपी/एमएलए जज को स्थानांतरित की

स्वाति मालीवाल मामला : दिल्ली हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी के खिलाफ विभव कुमार की याचिका एमपी/एमएलए जज को स्थानांतरित की

author-image
IANS
New Update
hindi-hc-to-hear-today-delhi-cm-aide-bibhav-kumar-plea-againt-arret-in-wati-maliwal-aault-cae--20240

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट और यौन उत्पीड़न के मामले में गिरफ्तारी के खिलाफ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार की याचिका एमपी/एमएलए जज के पास स्थानांतरित कर दी।

न्यायमूर्ति नवीन चावला ने उनकी याचिका को विधायकों और सांसदों के मामलों की सुनवाई करने वाले रोस्टर बेंच के पास स्थानांतरित कर दिया।

उन्होंने कहा कि चूंकि शिकायतकर्ता राज्यसभा सदस्य हैं, इसलिए मामले की सुनवाई एमपी/एमएलए के मामलों की सुनवाई करने वाले जज को करनी चाहिए।

मौजूदा और पूर्व विधायकों से जुड़े आपराधिक मामलों के लिए रोस्टर जज न्यायमूर्ति स्वर्ण कांत शर्मा के आज दोपहर बाद याचिका पर सुनवाई करने की उम्मीद है।

कुमार ने अपनी अवैध गिरफ्तारी के खिलाफ हर्जाने की मांग करते हुए याचिका दायर की है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि अर्नेस कुमार मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की अनदेखी करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया गया है, जिसमें यह बताया गया है कि अनावश्यक हिरासत से बचने के लिए गिरफ्तारी के लिए किन प्रक्रियाओं और शर्तों का पालन किया जाना चाहिए।

उन्होंने हाई कोर्ट से उनकी गिरफ्तारी को यह कहते हुए गैर-कानूनी घोषित करने की मांग की है कि अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय कानूनी मानदंडों का पालन नहीं किया है।

अर्नेस कुमार के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि गिरफ्तारी सिर्फ उन्हीं मामलों में की जानी चाहिए जहां यह बिल्कुल अनिवार्य हो और पुलिस अधिकारियों को इसके लिए लिखित में कारण बताना चाहिए।

कुमार का तर्क है कि उन्हें गिरफ्तार करते समय इन मानकों का पालन नहीं किया गया और इसलिए यह उनके वैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।

उन्होंने गिरफ्तारी से अनावश्यक नुकसान की बात कहते हुए कथित अवैध हिरासत के लिए हर्जाने की मांग की है।

दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। वह इस समय न्यायिक हिरासत में हैं।

जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान मालीवाल अदालत कक्ष में रोने लगीं। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें चरित्र हनन और जान से मारने की धमकी दी जा रही है।

दिल्ली पुलिस ने कुमार के वकील के इस तर्क को गलत बताया कि घटना के दिन मालीवाल उनके मुवक्किल को बदनाम करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री आवास पर गई थीं।

कुमार के वकील ने एफआईआर दर्ज कराने में तीन दिन की देरी का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि घटना के वक्त विभव मुख्यमंत्री आवास पर नहीं थे और मालीवाल ने वहां जाने के लिए अपॉइंटमेंट नहीं लिया था।

कथित घटना 13 मई की है। कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment