हरियाणा कांग्रेस ने मंगलवार को एक बार फिर विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर पार्टी की बागी किरण चौधरी को विधानसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य ठहराने की मांग की।
किरण चौधरी और उनकी बेटी श्रुति चौधरी पिछले सप्ताह कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गईं थीं।
स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता को संबोधित एक पत्र में, कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के उप नेता, आफताब अहमद और सीएलपी के मुख्य सचेतक, बीबी बत्रा ने कहा कि किरण चौधरी 2019 में विधानसभा चुनाव में भिवानी के तोशाम से कांग्रेस की विधायक चुनी गई थीं।
उन्होंने लिखा, “ इस संबंध में 19 जून को लिखे अपने पहले पत्र के बाद हम आज आपको अपनी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की पवित्रता को बनाए रखने की तात्कालिकता और अटूट प्रतिबद्धता के साथ दोबारा लिख रहे हैं।”
उन्होंने पत्र में लिखा हाल ही में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल जिले के तोशाम विधानसभा क्षेत्र से विधायक किरण चौधरी के मामले को निपटाने के लिए संविधान के अनुसार तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।
संविधान की दसवीं का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सदन का कोई भी सदस्य जो स्वेच्छा से किसी राजनीतिक दल की सदस्यता छोड़ता है, उसे अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
श्रीमती किरण चौधरी का आचरण इस प्रावधान के अंतर्गत आता है। ऐसे में उन्हें तत्काल विधानसभा से आयोग्य ठहराया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दलबदल विरोधी कानून राजनीतिक अस्थिरता को रोकने और नैतिक शासन सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है। उसके तहत कार्य करना स्पीकर का दायित्व है।
पत्र में कहा गया है, दसवीं अनुसूची स्पीकर को किसी सदस्य द्वारा पार्टी की सदस्यता स्वेच्छा से त्यागने की जानकारी मिलने पर स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने का अधिकार देती है।
किरण और उनकी बेटी श्रुति चौधरी ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए कहा था कि पार्टी की राज्य इकाई को व्यक्तिगत जागीर के रूप में चलाया जा रहा है। उनका इशारा अप्रत्यक्ष रूप से हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा की ओर था।
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Source : IANS