गूगल ने अंतरिक्ष से मीथेन प्रदूषण और तेल-गैस के इंफ्रास्ट्रक्चर को मैप करने के लिए गैर-लाभकारी पर्यावरण रक्षा कोष (ईडीएफ) के साथ साझेदारी की घोषणा की है।
पर्यावरण रक्षा कोष का उपग्रह, मीथेनसैट, उपग्रह डेटा एकत्र करने के लिए जल्द ही पृथ्वी की परिक्रमा करेगा।
टेक दिग्गज ने एक बयान में कहा, यह डेटा, गूगल के एआई और इंफ्रास्ट्रक्चर मैपिंग के साथ मिलकर, मीथेन उत्सर्जन को कम करने के तरीके के बारे में बेहतर समझ पैदा करेगा।
रिकॉर्ड पर 2023 सबसे गर्म साल था, और पिछले 10 साल 1850 के बाद से सबसे गर्म वर्ष रहे हैं।
गूगल के जियो डेवलपर और सस्टेनेबिलिटी के वीपी और महाप्रबंधक येल मैगुइरे ने कहा, हम ईडीएफ के साथ साझेदारी की घोषणा कर रहे हैं जो मीथेन उत्सर्जन को कम करने के लिए हमारे विज्ञान और प्रौद्योगिकी को जोड़ती है। यह सबसे शक्तिशाली, अल्पकालिक कार्यों में से एक है जिसे हम वार्मिंग को कम करने के लिए उठा सकते हैं।
मानव स्रोतों से प्राप्त मीथेन आज ग्लोबल वार्मिंग के लगभग 30 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है, और वायुमंडल में मीथेन का एक बड़ा योगदानकर्ता पृथ्वी से तेल और गैस जैसे जीवाश्म ईंधन निकालने से आता है।
क्लाउड कंप्यूटिंग के साथ मीथेन डिटेक्शन एल्गोरिदम को सशक्त बनाने और दुनिया भर में तेल और गैस के बुनियादी ढांचे की पहचान करने के लिए उपग्रह इमेजरी में एआई लागू करके, लक्ष्य ईडीएफ को उनके स्रोत पर मीथेन उत्सर्जन की मात्रा निर्धारित करने और उसका पता लगाने में मदद करना है।
गूगल ने कहा, इस जानकारी के साथ, ऊर्जा कंपनियां, शोधकर्ता और सार्वजनिक क्षेत्र तेल और गैस बुनियादी ढांचे से उत्सर्जन को तेजी से और अधिक प्रभावी ढंग से कम करने के लिए कार्रवाई कर सकते हैं।
मार्च की शुरुआत में स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट पर लॉन्च होने वाला मीथेनसैट 350 मील से अधिक की ऊंचाई पर दिन में 15 बार पृथ्वी की परिक्रमा करेगा।
यह नियमित विश्लेषण के लिए दुनिया के शीर्ष तेल और गैस क्षेत्रों में मीथेन के स्तर को मापेगा।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS