मार्क्सवादी कमयुनिस्ट पार्टी (माकपा) के अनुभवी नेता और पश्चिम बंगाल के बांकुरा निर्वाचन क्षेत्र से नौ बार लोकसभा सदस्य रहे वासुदेव आचार्य का सोमवार को 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
उनका निधन हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में हुआ जहां उनका काफी समय से इलाज चल रहा था।
आचार्य पहली बार 1980 में बांकुरा से चुने गए थे। 2014 तक, वह लगातार नौ बार उस निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए।
हालाँकि, 2014 के लोकसभा चुनाव में वह उस निर्वाचन क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार और अभिनेत्री से नेता बनी मुनमुन सेन से हार गए थे, जो राज्य के राजनीतिक आलोचकों के लिए काफी अप्रत्याशित था।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि उनकी बेटी इस समय विदेश में है और उसके कल तक हैदराबाद पहुंचने की उम्मीद है, जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
11 जुलाई 1942 को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में जन्मे आचार्य छात्र जीवन से ही वामपंथी राजनीति से जुड़े रहे थे।
आचार्य बाद में छात्र राजनीति से ट्रेड यूनियन राजनीति की ओर बढ़े और रेल विभाग में श्रमिक आंदोलनों का अग्रणी चेहरा रहे।
उन्होंने पश्चिम बंगाल के आदिवासी बहुल बांकुरा जिले में आदिवासी शिक्षा में भी सक्रिय भूमिका निभाई, जहां से वे लंबे समय तक लोकसभा सदस्य रहे।
वह लंबे समय तक पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य भी रहे।
साल 2018 राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के दौरान पुरुलिया में माकपा कार्यकर्ताओं के एक जुलूस का नेतृत्व करते समय सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर उन पर हमला किया गया था। हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
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Source : IANS