उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि 31 मई, 2015 की आधी रात से लोक निर्माण विभाग के 38 टोल स्टेशनों में से 11 और महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के 53 में से एक पर सड़क टोल टैक्स संग्रह बंद कर दिया गया था।
उनका विस्तृत बयान तब आया, जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने सोमवार को राज्य में छोटे वाहनों पर सड़क टोल टैक्स को पूरी तरह माफ करने की मांग की और कहा कि ऐसा नहीं करने पर उनकी पार्टी के कार्यकर्ता टोल बूथों को जला देंगे।
फड़नवीस ने कहा कि शेष 27 (पीडब्ल्यूडी द्वारा संचालित 38 में से) और एमएसआरडीसी के 26 टोल बूथों पर कार, जीप और राज्य परिवहन बसों जैसे छोटे वाहनों को उपरोक्त तिथि से टोल टैक्स से छूट दी गई है।
डिप्टी सीएम ने कहा कि इस संबंध में मुआवजा देने का निर्णय भी 2017 में लिया गया था और इसका प्रासंगिक सरकारी संकल्प 31 अगस्त, 2017 को जारी किया गया था।
राज ठाकरे ने कहा कि फड़नवीस ने जो कहा, वह सरासर झूठ है, और दोहराया कि मनसे के लोग टोल बूथों पर खड़े होंगे और छोटे वाहनों को टोल टैक्स का भुगतान किए बिना गुजरने देंगे।
उन्होंने दोहराया कि टोल टैक्स महाराष्ट्र में सबसे बड़ा घोटाला है, और चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनके लोगों को रोकने की कोशिश की, तो वे संबंधित टोल बूथों में आग लगा देंगे।
इसके बाद मनसे कार्यकर्ताओं ने मुंबई, रायगढ़ और अन्य स्थानों पर कुछ टोल बूथों पर धावा बोल दिया और छोटे वाहनों को बिना टोल टैक्स चुकाए पार करने की अनुमति दे दी।
राज ठाकरे ने टोल रोकने के मुद्दे पर केवल दिखावा किए जाने का आरोप लगाया और पिछली राज्य सरकारों को भी दोषी ठहराया। उन्होंने यह बताने की मांग की वर्षों से उन्हीं कंपनियों को टोल संग्रह का ठेका क्यों मिलता रहता है, पैसा कहां जा रहा है और पैसे का क्या किया जा रहा है।
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Source : IANS