गाजा में युद्ध तेज होने के साथ, पश्चिम एशियाई संकट को लेकर अनिश्चितता अपने चरम पर है। यह युद्ध कब और कैसे समाप्त होगा, इसके परिणाम क्या होंगे, यह किसी को पता नहीं है। इसलिए, निवेशकों को सतर्क रणनीति जारी रखनी चाहिए। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने ये बात कही है।
उन्होंने कहा, यह समझना महत्वपूर्ण है कि वैश्विक स्तर पर इक्विटी बाजार इजरायल-हमास संघर्ष के बजाय अमेरिकी बांड यील्ड में बढ़ोतरी से अधिक प्रभावित हो रहे हैं।
4.9 प्रतिशत से ऊपर अमेरिकी 10-वर्षीय बांड यील्ड शेयर बाजारों के लिए एक प्रमुख बाधा बनी रहेगी, खासकर उभरते बाजारों के लिए। उन्होंने कहा कि एफआईआई की बिकवाली से बाजार पर असर जारी रहने की संभावना है।
ब्रेंट क्रूड का 85 डॉलर तक गिरना भारत के लिए एक अच्छा सकारात्मक संकेत है। एविएशन, पेंट्स और टायर स्टॉक इस खबर पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देंगे।
निवेशक मारुति, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, आरआईएल, आईटीसी और एलएंडटी जैसे लार्ज-कैप के रुझानों पर नजर रख सकते हैं, जिनके दूसरी तिमाही के अच्छे नतीजे सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि इन कंपनियों की कमाई की संभावना अच्छी है और इसलिए, स्थिति सामान्य होने पर पर्याप्त संस्थागत खरीदारी देखने को मिलेगी।
बुधवार को बीएसई सेंसेक्स 132 अंक गिरकर 63,742 अंक पर है। पिछड़ने वालों में एशियन पेंट्स, नेस्ले, मारुति, कोटक महिंद्रा बैंक में 1 फीसदी से ज्यादा की गिरावट है।
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Source : IANS